शिमला। हिमाचल प्रदेश में अडाणी ग्रुप के दो सीमेंट प्लांट और ट्रक ऑपरेटर के बीच विवाद थम नहीं रहा है। सोलन जिले के दाड़लाघाट और बिलासपुर के बरमाणा में सीमेंट प्लांट करीब 52 दिन से बंद पड़े हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद उपजे इस विवाद को सुलझाना कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सरकार के लिए चुनौती बन गया है।
सरकार इस मसले का समाधान निकालने में प्रयासरत तो है, लेकिन मालभाड़े को लेकर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बन पा रही है। सुक्खू सरकार ने मालभाड़े के रेट तय कर कंपनी प्रबंधन को दो दिन के भीतर इन्हें लागू करने के निर्देश दिए हैं। अगर कंपनी प्रबंधन उस मालभाड़े की दरों पर प्लांट शुरू नहीं करता है तो सरकार कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को तैयार है। अहम बात यह है कि राज्य सरकार अडाणी कंपनी के दोनों सीमेंट प्लांट की लीज रद्द करने पर भी विचार करेगी।
राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शनिवार को शिमला में कहा कि राज्य सरकार की ट्रक ऑपरेटर्स के साथ बैठक हुई है और उसमें ट्रक ऑपरेटर ने मालभाड़े को लेकर अपना पक्ष रखा है जिसे अधिकारी कंपनी को अवगत करवाएंगे और यदि कंपनी लागू करती है तो यह विवाद खत्म हो जाएगा और यदि कंपनी मालभाड़े के रेट नहीं मानती है तो सरकार को मजबूरन लीगल एक्शन लेना पड़ेगा।
चौहान ने कहा कि सीमेंट कंपनी को दोनों प्लांट चलाने के लिए दी गई जमीन की जांच करने के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सीमेंट प्लांट बंद होने से हिमाचल सरकार को रोजाना 02 करोड़ का नुकसान हो रहा है। ट्रक ऑपरेटर्स के साथ कई परिवारों का रोजगार छिन गया है। प्रदेश सरकार ट्रक ऑपरेटर्स के साथ नाइंसाफी नहीं होने देगी।
अडाणी के बरमाणा और दाड़लाघाट के सीमेंट प्लांट मालभाड़ा विवाद को लेकर पिछले 52 दिनों से बंद हैं। इससे लगभग 35 हज़ार लोग प्रभावित हुए हैं, वहीं सरकार के खजाने को 95 करोड़ की चपत लग चुकी है। राज्य सरकार की कम्पनी एवं ट्रक ऑपरेटर के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं। आहत ट्रक ऑपरेटर अडाणी कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतर कर गिरफ्तारियां दे रहे हैं।
Adani
लंदन । ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के छोटे भाई लॉर्ड जो जॉनसन ने अडानी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर से जुड़ी कंपनी के गैरकार्यकारी निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया है। यह ब्रिटेन की फर्म है। इसने भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी की कंपनी के एफपीओ में निवेश किया है।
एक दिन पहले ही अडाणी ने अपने एफपीओ को वापस लेने की घोषणा की थी। इसके बाद से कंपनी के शेयर में और गिरावट देखने को मिला है। द फाइनेंशियल टाइम्स ने यूके कंपनीज हाउस के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए खुलासा किया है कि 51 वर्षीय लॉर्ड जो जॉनसन को पिछले साल जून में लंदन स्थित एलारा कैपिटल पीएलसी के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। जैसे ही अडाणी समूह ने बुधवार को अपने एफपीओ को वापस लेने की घोषणा की, जो ने इस्तीफा दे दिया।
अहमदाबाद । अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने बहुप्रतीक्षित महिला प्रीमियर लीग में एक फ्रेंचाइजी का अधिग्रहण किया है, जिसका नाम गुजरात जायंट्स रखा गया है। अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने बुधवार, 25 जनवरी को बीसीसीआई द्वारा आयोजित नीलामी में गुजरात जायंट्स को 1,289 करोड़ रुपये में खरीदा।
मुंबई में कई अन्य व्यावसायिक संस्थाओं के साथ-साथ सात आईपीएल फ्रेंचाइजी ने पांच महिला प्रीमियर लीग टीमों के लिए बोली लगाई। अडानी स्पोर्ट्सलाइन ने अंततः मुंबई, बेंगलुरु, नई दिल्ली और लखनऊ से आने वाली अन्य बोलियों के साथ नीलामी में सबसे अधिक राशि की बोली लगाई।
अडानी एंटरप्राइजेज के निदेशक प्रणव अडानी ने कहा, “भारतीय महिला क्रिकेट टीम असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रही है – और महिलाओं के लिए क्रिकेट लीग अधिक अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने आगे कहा, “क्रिकेट देश के ताने-बाने का एक अविभाज्य हिस्सा है और अडानी स्पोर्ट्सलाइन महिला प्रीमियर लीग के उद्घाटन संस्करण के साथ ही खेल के साथ अपना जुड़ाव को भी शुरू करने की इच्छुक थी। जहां मैं हर दूसरी फ्रेंचाइजी को शुभकामनाएं देता हूं, वहीं मैं इस नई, रोमांचक लीग में शीर्ष टीम के रूप में गुजरात जायंट्स की उम्मीद करता हूं।”
महिला प्रीमियर लीग में गुजरात जाइंट्स क्रिकेट फ्रेंचाइजी अडानी स्पोर्ट्सलाइन की सफल टीमों (डीपी वर्ल्ड आईएलटी20 में गल्फ जायंट्स और प्रो कबड्डी लीग में गुजरात जायंट्स) के परिवार में शामिल हो गई है।
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से लगातार उद्योगपतियों खासकर गौतम अडानी को निशाना बनाया जा रहा है। कल राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गौतम अडानी ने एकसाथ मंच साझा किया था। इसको लेकर अब पार्टी नेता राहुल गांधी और जयराम रमेश दोनों की ओर से स्पष्टीकरण आया है। उनका कहना है कि वे एक खास उद्योगपति को लाभ पहुंचाने के लिए लाई जा रही नीतियों के खिलाफ है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज कर्नाटक में ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि राजस्थान सरकार ने अडानी को कोई विशेष तरजीह नहीं दी है। उन्होंने कहा कि वे किसी उद्योगपति के खिलाफ नहीं हैं। वे एकाधिकार के विरोधी हैं। अगर राजस्थान सरकार अडानी को गलत तरीके से बिजनेस देती है तो वे उसका भी विरोध करेंगे।
वहीं कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अडानी के साथ अशोक गहलोत की मुलाकात को लेकर काफी मीडिया हाइप बनाया जा रहा है। अडानी राजस्थान में करीब 60 हजार करोड़ रुपये का निवेश करना चाहते हैं। कोई मुख्यमंत्री नहीं कहेगा कि निवेश मत करो। राजस्थान सरकार द्वारा अदानी के लिए कोई विशेष नियम या नीतियां नहीं हैं। गहलोत मोदी किस्म के क्रोनिज्म के बहुत खिलाफ हैं।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी लगातार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते रहे हैं।