लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर तिरंगा फहराया और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों से उत्तर प्रदेश के विकास में सकारात्मक भूमिका के निर्वहन की अपील की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत ने 75 वर्ष में बहुत लंबी दूरी तय की है। यह पर्व और त्योहार हमको चिंतन और मनन करने का अवसर प्रदान करता है। पूरे प्रदेशवासियों से अपील है कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी पूर्वक करें। शासन की योजनाओं को प्रदेशवासियों तक पहुंचाने में मदद करें। एक नए यूपी को देश और दुनिया के सामने स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण अभियान को आगे बढ़ाएं। देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद और किसी भी प्रकार की मत व मजहब विभाजन जैसी विकृति मानसिकता को दूर करना है।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में इसमें काफी हद तक सफलता प्राप्त हुई है। आज उत्तर प्रदेश बेहतरीन कानून व्यवस्था, दंगा मुक्त प्रदेश के रूप में अपने आपको स्थापित करने में सफल हुआ है। इसका परिणाम उत्तर प्रदेश को निवेश के बेहतरीन गंतव्य के रूप में मिली पहचान है। आज पूरी दुनिया प्रदेश की तरफ आशावादी निगाहों से देख रही है। अब हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ भी उसी तर्ज पर काम करना है, जैसे कानून व्यवस्था को स्थापित किया गया है।
भारत के महान सपूतों को नमन करने का अवसर
झण्डा फहराने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गणतंत्र दिवस विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक अवसर है। भारत माता के उन महान सपूतों, अमर बलदानियों और महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने का अवसर है। 1950 में भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हुआ था। इसने दुनिया के सामने लोकतंत्र की जननी और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपने संकल्पों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान किया। देश के 74वें गणतंत्र के अवसर पर हम सभी को लोकतंत्र की भावनाओं को समझना होगा, जिसके कारण पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देखती है।
माला की तरह पिरोया गया है संविधान का एक-एक आर्टिकल
संविधान के निर्माण और इसके निर्देशों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। आजादी की आहट के पहले ही 1946 में देश ने संविधान सभा का निर्माण कर स्वतंत्र भारत में किस प्रकार की व्यवस्था लागू होनी है, इसके बारे में चिंतन व मनन किया। महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नेतृत्व में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया और अंततः 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ। डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बनी संविधान निर्माण की समिति और संविधान के एक-एक आर्टिकल और धारा को जैसे माला पिरोने का कार्य होता है, उसी तर्ज पर डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में प्रतिबद्धता के साथ संपन्न किया गया। इसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर की तिथि को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया था।
ध्वज फहराने के बाद राष्ट्रगान के साथ शुरू हुई परेड
मुख्यमंत्री योगी ने विधान भवन पर आयोजित गणतंत्र दिवस परेड का भी अवलोकन किया। जहां विभिन्न झांकियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की संस्कृति और विविधता की झलक देखने को मिली। परेड कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एवं मुख्यमंत्री ने ध्वज फहरा कर की। परेड में भारत की सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के अलावा पैरामिलिट्री फोर्सेज और यूपी पुलिस की टुकड़ियों का शौर्य भी देखने को मिला। साथ ही स्कूली बच्चों और खिलाड़ियों ने भी परेड में शिरकत की। विभिन्न विभागों की झांकी भी देखने को मिली। परेड के दौरान मुख्यमंत्री समेत सभी मेहमानों व परेड में हिस्सा ले रहे लोगों पर आसमान से पुष्पवर्षा भी की गई।
इस अवसर पर राजस्थान, पंजाब, मणिपुर समेत कई अन्य राज्यों के लोकनृत्य का भी प्रस्तुतिकरण किया गया। विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने नृत्य के माध्यम से प्रदेश के पर्यावरण, स्वच्छता, योग के प्रति जागरुकता का संदेश भी दिया। वहीं, स्वर्णिम भारत, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, सशक्त भारत की थीम पर आधारित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी प्रस्तुत किया गया। छात्रों ने राष्ट्रभक्ति पर आधारित फिल्मी गीतों पर प्रस्तुति के माध्यम से सशस्त्र सेनाओं के शौर्य और पराक्रम के साथ ही विपरीत परिस्थितियों में भी उनके बुलंद हौसलों की तस्वीर पेश की। झांकियों में मिशन शक्ति, ग्रीन कॉरिडोर, राम राज्यम, आयुष्मान भारत, नमामि गंगे, स्मार्ट क्लास, मोटा अनाज और जीआईएस जैसे प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों की झलक ने आकर्षण बटोरा। कार्यक्रम का समापन भी राष्ट्रगान के साथ हुआ।
सीएम ने बच्चों के साथ भी किया संवाद
गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर मुख्यमंत्री योगी का एक नया रूप भी देखने को मिला। इस दौरान योगी से मंच पर मिलने पहुंचे कुछ बच्चों के साथ वह बेहद खुश नजर आए। विभिन्न वेशभूषा में पहुंचे ये बच्चे भी मुख्यमंत्री योगी से मिलकर काफी उत्साहित थे। कोई बच्चा तिरंगा पगड़ी पहने हुए था तो कोई यूपी पुलिस के वेश में आया था। योगी ने इन बच्चों से बातचीत की और उनकी बातों को बड़े ध्यान से सुना। साथ ही वह बच्चों को परेड का महत्व समझाते हुए भी नजर आए।
74th Republic Day
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर अपनी झांकी में अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों का प्रदर्शन किया। डीआरडीओ की झांकी का विषय ‘कम्युनिकेशन एंड न्यूट्रलाइजिंग थ्रेट्स’ रखा गया। इस झांकी को चार भागों में बांटा गया था, जिसके पहले भाग में अंडरवाटर सर्विलांस प्लेटफॉर्म प्रदर्शित किया गया।
झांकी में पनडुब्बियों के लिए यूशस-2 जैसे सोनार, जहाजों के लिए हम्सा शृंखला के सोनार और हेलीकॉप्टर लॉन्च निगरानी के लिए कम आवृत्ति वाले डंकिंग सोनार प्रदर्शित किये गए। झांकी के दूसरे भाग में डी4 काउंटर ड्रोन सिस्टम के साथ लैंड सर्विलांस, कम्युनिकेशन और न्यूट्रलाइजिंग प्लेटफॉर्म दिखाई दिए, जो रियल टाइम सर्च, डिटेक्शन, ट्रैकिंग और लक्ष्यों को बेअसर कर सकते हैं। क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल (क्यूआरएसएएम), बैटरी मल्टी फंक्शन राडार और मिसाइल लॉन्चर व्हीकल की दो इकाइयां भी झांकी में प्रदर्शित की गईं। क्यूआरएसएएम वायु-रक्षा प्रणाली सामरिक युद्ध क्षेत्र में भारतीय सेना को मोबाइल हवाई रक्षा कवर प्रदान करती है।
इसके अलावा सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो के दो संस्करण मैनपैक और हैंडहेल्ड भी इस झांकी का हिस्सा बने। डीआरडीओ ने सुरक्षित संचार के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो विकसित किया है। झांकी के तीसरे भाग में एरियल सर्विलांस एंड कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यूएंडसी) और तापस मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस को प्रदर्शित किया गया।
झांकी के चौथे भाग ने डीआरडीओ की अनुसंधान गतिविधियों का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें सेमीकंडक्टर आरएंडडी सुविधा का प्रदर्शन किया गया। इस भाग में डीआरडीओ ने सेमी-कंडक्टर, डिटेक्टर और नेक्स्ट जेन सेंसर के क्षेत्र में भविष्य की तकनीकों को भी दर्शाया। स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म भी प्रदर्शित किये गए, जिसे 70 टन के ट्रेलर पर ले जाया जाता है। परेड के दौरान अर्जुन एमबीटी, नाग मिसाइल सिस्टम, ब्रह्मोस मिसाइल, शॉर्ट स्पैन ब्रिज और आकाश एनजी का भी प्रदर्शन किया गया।
- भव्य परेड में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया
- परेड का समापन सामूहिक राष्ट्रगान और हजारों तिरंगे गुब्बारे उड़ाने के साथ हुआ
नई दिल्ली। भारत ने आज गणतंत्र दिवस के मौके पर निकली परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक दिखाई। परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी की मौजूदगी में भारत ने अपनी सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया। भव्य परेड में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भारत की तीनों सेनाओं, सुरक्षाबलों की टुकड़ियों और स्वदेशी हथियारों के प्रदर्शन ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की झलक दिखाई। राज्यों की झांकियों में भारत की गौरवपूर्ण विविधता नजर आई। परेड का अंतिम आकर्षण वायुसेना के लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों का फ्लाई पास्ट रहा, जिन्होंने राजधानी के आसमान को गुंजा दिया। परेड का समापन राष्ट्रगान और तिरंगे गुब्बारों को उड़ाने के साथ हुआ।
हेलीकॉप्टरों ने दर्शकों पर की पुष्प वर्षा
परेड समारोह की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पहुंचने के बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई। पहली बार 21 तोपों की सलामी 105 मिमी. स्वदेशी गन से दी गई, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती है। इसके बाद 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी/वी5 हेलीकॉप्टरों ने कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा की। मुख्य परेड की शुरुआत राष्ट्रपति के सलामी मंच पर पहुंचने के साथ हुई। परेड की कमान लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने संभाली।
मिस्र और भारतीय सेना की टुकड़ी
कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मिस्र के सशस्त्र बलों ने संयुक्त बैंड के साथ मार्च किया। मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व दल में शामिल 144 सैनिकों ने किया। भारतीय सेना की 61 कैवेलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायज़ादा शौर्य बाली ने किया। यह दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी ‘स्टेट हॉर्स यूनिट्स’ हैं। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के एक माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन कॉर्प्स के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ने फ्लाई पास्ट के जरिये किया।
स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन
सेना ने स्वदेशी हथियारों में मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम, बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, के-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) मुख्य आकर्षण रहे। मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट, डोगरा रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट और गोरखा ब्रिगेड सहित सेना की कुल छह टुकड़ियां सलामी मंच से होकर गुजरीं और बारी-बारी से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी दी।
भारतीय नौसेना की टुकड़ी और बैंड
भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल हुए, जिसका नेतृत्व कंटिजेंट कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत और प्लाटून कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट अश्विनी सिंह, एसएलटी वल्ली मीना एस और एसएलटी एम आदित्य ने किया। मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हुए। नौसेना ने अपनी झांकी में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत समुद्र में नारी शक्ति की तैनाती और नए नौसेना चिह्न और गीत का प्रदर्शन किया। परेड में मार्चिंग दस्ते के साथ 80 संगीतकारों वाला भारतीय नौसेना का विश्व प्रसिद्ध ब्रास बैंड भी रहा, जिसका नेतृत्व एम एंटनी राज ने किया। नौसेना बैंड ने भारतीय नौसेना का नया गीत ‘जय भारती’ बजाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। नौसेना की झांकी को ‘इंडियन नेवी-कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ’ थीम पर डिजाइन किया गया।
नौसेना की झांकी में दिखी समुद्र में नारी शक्ति
नौसेना ने अपनी झांकी में ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत समुद्र में नारी शक्ति की तैनाती और नए नौसेना चिह्न और गीत का प्रदर्शन किया। झांकी में नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित संपत्तियों को प्रदर्शित किया गया। झांकी के आगे के हिस्से में डोर्नियर विमान के महिला चालक दल को दिखाया गया। झांकी के मुख्य भाग में नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को प्रदर्शित किया गया। समुद्री कमांडो ने ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ नए स्वदेशी नीलगिरी वर्ग के जहाज का एक मॉडल पेश किया। झांकी के किनारों पर स्वदेशी कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों के मॉडल दर्शाए गए। झांकी के पिछले भाग में आईडीईएक्स-स्प्रिंट चैलेंज के अंतर्गत स्वदेशी रूप से विकसित की जा रही स्वायत्त मानव रहित प्रणालियों के मॉडल प्रदर्शित किया गया।
भारतीय वायु सेना की टुकड़ी स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी के नेतृत्व में भारतीय वायु सेना के दल में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार भारतीय वायु सेना के गरुड़ दल ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। स्क्वाड्रन लीडर पीएस जैतावत गरुड़ और स्क्वाड्रन लीडर सिंधु रेड्डी ने दल का नेतृत्व किया। भारतीय वायु सेना ने अपनी झांकी में ‘पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज’ का प्रदर्शन किया, जिसमें एक घूमते हुए ग्लोब को प्रदर्शित किया गया। लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस एमके-II, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट नेत्रा और सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी प्रदर्शित किया गया।
फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया
फ्लाईपास्ट में भारतीय वायु सेना के 45 विमान, भारतीय नौसेना से एक और भारतीय सेना से चार हेलीकॉप्टर शामिल किए गए। मिग-29, राफेल, जगुआर, एसयू-30 आदि विमानों ने एरो, एब्रस्ट, एरोहेड, डायमंड और अन्य जैसे कुल 13 फॉर्मेशन में उड़ान भरी। इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आकर्षण वायु सेना के फ्लाईपास्ट को दो भागों में बांटा गया। पहले भाग में प्रचंड का गठन किया गया, उसके बाद आसमान में तिरंगा, ध्वज, रुद्र और बाज़ का फ़ॉर्मेशन किया गया। इसके बाद टंगेल फॉर्मेशन, वज्रंग फॉर्मेशन, गरुड़, नेत्रा, भीम, अमृत, त्रिशूल और विजय फॉर्मेशन में विमानों ने उड़ान भरी। फ्लाईपास्ट में कुल 18 हेलीकॉप्टर, 8 ट्रांसपोर्ट विमान और 23 लड़ाकू विमानों ने आसमान में तरह-तरह के करतब दिखाए।
डेयरडेविल्स टीम में दिखीं महिला अधिकारी
इस साल की गणतंत्र दिवस परेड में प्रसिद्ध डेयरडेविल्स टीम का नेतृत्व करने के साथ महिला अधिकारी ने मोटरसाइकिल की सवारी भी की। सिग्नल ऑफ सिग्नल कोर से लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी भारतीय सेना की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा रहीं। वह एक साल से टीम के साथ ट्रेनिंग कर रही थीं। आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट यूनिट से लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने परेड में ‘मेड इन इंडिया’ आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि वह हर साल टीवी पर देखने के बाद हमेशा परेड में हिस्सा लेना चाहती थीं और इस साल उनका सपना सच हो गया है।
कर्तव्य पथ पर 23 झांकियों ने दिखाई ऐतिहासिक विरासत
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर 23 झांकियों का प्रदर्शन किया गया, जिनमें 17 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, दादर नगर हवेली और दमन और दीव, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल की झांकियों ने ऐतिहासिक विरासत वाली झलक प्रस्तुत की। इन झांकियों के जरिए परेड के दौरान देश की भौगोलिक और समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाते हुए विभिन्न सफलताओं को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा 6 विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों में संस्कृति मंत्रालय, गृह मंत्रालय (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल), गृह मंत्रालय (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो), आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग) की झांकियों के जरिये पिछले कुछ वर्षों में किए गए कार्यों व उपलब्धियों को दर्शाया।
नई दिल्ली। देश का 74वां गणतंत्र दिवस समारोह पूरी आन-बान और शान के साथ गुरुवार को कर्तव्य पथ पर शुरू हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , समारोह के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेह अल-सिसी, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत सभी गणमान्य अतिथि, राजनेता, सैन्य अधिकारी कर्तव्य पथ पर मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति मुर्मू का यहां पहुंचने पर स्वागत किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गणतंत्र दिवस पर सभी देशवासियों को बधाई देते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ने की कामना की। वो सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचे और अपना सर्वोच्च बलिदान करने वालों को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने राजस्थान में जामडोली के केशव विद्यापीठ में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने आवासों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए स्वतंत्रता सेनानियों, संविधान निर्माताओं और वीर जवानों को नमन किया है।
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने पटना, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में अपने सरकारी आवास और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। धामी ने कहा-प्रधानमंत्री ने पांच संकल्प देश के सामने रखे हैं। इसमें हम सभी अपना योगदान देंगे।
गुजारत के बोटाड में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और राज्यपाल आचार्य देवव्रत गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने आइजोल के मुख्यमंत्री कार्यालय में तिरंगा फहराया।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह ने पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया। ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल ने भुवनेश्वर में ध्वज फहराया। समारोह में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद रहे। केरल के कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित परेड में वाइस एडमिरल एमए हम्पिहोली शामिल हुए। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में राज्यपाल आरएन रवि और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की उपस्थिति में तिरंगा फहराया गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के मुख्यमंत्री आवास पर तिरंगा फहराया।
बीएसएफ के डीआईजी संजय गौड़ ने पंजाब के अटारी-वाघा सीमा पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जबलपुर में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि देश को आज के भारत पर गर्व है। हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का निर्माण करेंगे।
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में लाल चौक स्थित क्लॉक टॉवर पर 74वें गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराया गया। उत्साही युवाओं गणतंत्र दिवस अमर रहे के नारे भी लगाए। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यमुनानगर के जगाधरी में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में तिरंगा फहराया।