रूस-यूक्रेन युद्ध को कई दिन गुजर गए लेकिन इस युद्ध विराम के अभी तक कोई भी आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में वहां पर रहने वाले लोगों के लिए हर नया दिन एक नई मुसीबत बन के सामने आ रहा है। ऐसे में कई अन्य देशों से अपनी शिक्षा पूरी करने आए छात्रों को भी नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हांलाकि विदेशी छात्रों के लिए रूस सरकार ने खास इंतजाम किए हैं जिससे उन छात्रों का वहां रहना आसान हो गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस में रह रहे भारतीय छात्रों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। बता दें कि जो छात्र रूस में अपनी पढ़ाई करने गए थे उन्हें वहां के हालात बिगड़ने के बाद फीस आदि के लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
रूस सरकार ने अब छात्रों के लिए कुछ खास इंतजाम किए हैं जिसके चलते उनका रूस में रहना आसान हो गया है। बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों की बात करें तो जब युद्ध शुरु हुआ तो सभी छात्र काफी डरे हुए थे। कुछ स्टूडेंट्स ने तो भारत वापसी का मन भी बना लिया था लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सभी स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की जिसके चलते ज्यादातर स्टूडेंट्स ने वहीं रहकर ही अपनी पढ़ाई करने का मन बना लिया।
रूस और यूक्रेन में युद्ध शुरु होने के बात से यहां पर छात्रों को कई परेशानी का सामना करना पड़ा. जिसमें एक दिक्कत थी रोजमर्रा की चीजों और खाने पीने के सामानों का महंगा होना। कई छात्र परेशान थे कि अब वह अपनी फीस कैसे भर पाएंगे। क्योंकि आर्थिक पाबंदी के कारण इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहे और इसी के कारण परिवार उन्हें फीस और जरूरत के खर्च के लिए पैसे नहीं भेज पा रहे थे।
हालांकि छात्रों की मानें तो इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी मदद के लिए सामने आया। विश्वविद्यालय ने सभी विदेशी स्टूडेंट्स को फीस की व्यवस्था नहीं होने तक रियायत दे दी है। यहां तक कि प्रशासन ने खर्च और दूसरे जरूरी सामान भी मुहैया कराया गया है। मॉस्को की रुडन यूनिवर्सिटी सोवियत संघ के जमाने की है और इसमें 150 देशों के करीब 25 हजार छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा ले रहे हैं।