लखनऊ
लखनऊ विश्वविद्यालय एवं सहयुक्त महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था नए शैक्षिक सत्र 2022-23 से लागू होगी। इसके तहत शैक्षिक सत्र में 75 फीसद या उससे ऊपर उपस्थिति वाले छात्र-छात्राओं को ही शैक्षणिक भत्ता एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाएगी।
समाज कल्याण विभाग की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय सहित सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को भी पत्र जारी कर दिया गया है। इसको लेकर जल्द ही लखनऊ विश्वविद्यालय भी निर्देश जारी करने की तैयारी कर रहा है। समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत हर साल विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा दी जाती है। अभी तक इसमें विद्यार्थियों उपस्थिति का आधार तो होता है, लेकिन बायोमीट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था नहीं थी।
अब इस सुविधा को लेने के लिए नए सत्र से बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। यदि किसी छात्र की उपस्थिति 75 फीसद से कम है तो ऐसे छात्र छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं होंगे। यही नहीं, यदि छात्र को भुगतान हो गया है तो दी गई धनराशि छात्र अथवा संस्था को वापस करनी होगी।
विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों को बायोमीट्रिक लगाना अनिवार्य आदेश में साफ कहा गया है कि प्रवेश लेने वाले एवं अध्ययनरत तथा छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्रों का आधार बेस बायोमीट्रिक उपस्थिति है। इसलिए सभी सभी विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थानों को इसके लिए उपकरण लगाना अनिवार्य है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने भी भेजा पत्र इस संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्यण अधिकारी लखनऊ की ओर से भी कॉलेजों को पत्र भेजकर अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बायोमीट्रिक उपस्थिति के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर मुमताज डिग्री कॉलेज सहित अन्य ने तैयारी शुरू कर दी है।