सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अयोध्या में ज्ञानवापी सर्वे को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदूधर्म में कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया। अखिलेश ने इशारों में बाबरी मस्जिद को याद किया और कहा कि एक समय ऐसा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गई थीं।
ये बुलडोजर सिर्फ धर्म, जाति और हमारे मुसलमान भाइयों को डराने के लिए है। कार्यवाही बड़े लोगों के लिए नहीं है। सिद्धार्थनगर से लौटते समय अखिलेश अयोध्या में रुके थे, यहां पर उन्होंने एक होटल में प्रेसवार्ता की। कहा कि देश में महंगाई बढ़ी है, वह भाजपा ने बढ़ाई है। भाजपा ज्ञानवापी का मुद्दा जानबूझकर मुद्दा उठा रही है। अभी तक एक योजना चला रही थी, कि वन नेशन वन राशन, लेकिन अब योजना चला रही है कि वन नेशन वन उद्योगपति। सभी का ध्यान ज्ञानवापी मस्जिद की ओर करके भाजपा उद्योगों को बेच रही है।
वहीं अखिलेश यादव द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दिए बयान से अयोध्या साधु संतों में बड़ी नाराजगी है। साधु संतों ने कहा कि अखिलेश यादव करोड़ों हिंदू की आस्था को चोट पहुंचाई है। साधु संतों सपा प्रमुख को धार्मिक मामलों में राजनीति न करने की सलाह दी है। तो वहीं कुछ संतों ने उनके बयान को हिंदुओं का अपमान बताया है।