लखनऊ
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) पीएफ घोटाले में निरुद्ध DHFL के प्रमोटर कपिल वधावन व अभियुक्त धीरज वधावन को CBI की विशेष अदालत ने सात दिन के लिए CBI की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। इनकी रिमांड अवधि 26 मई की दोपहर साढ़े तीन बजे से शुरू होकर दो जून की दोपहर साढ़े तीन बजे समाप्त होगी।
विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व CBI के पुलिस उपाधीक्षक संदीप कुमार पांडेय की अर्जी पर दिया है। इससे पहले इन दोनों अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में लिया गया। गुरुवार को इन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल से लाकर CBI की विशेष अदालत में पेश किया गया था। 11 मई को विशेष अदालत ने CBI की अर्जी पर इन दोनों अभियुक्तों को जरिये प्रोडक्शन वारंट तलब किया था।
यह दोनों तलोजा जेल में अन्य मामलों में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध थे। CBI का कहना था कि अभियुक्तों से यह जानकारी हासिल करनी है कि UPPCL द्वारा डीएचएफएल में चार हजार 122 करोड़ 70 लाख का निवेश किसके माध्यम से कराया गया? DHFL द्वारा इस राशि का निवेश किस मद में किया गया? UPPCL के किन अधिकारियों को लाभ पहुंचाया गया? इस बड़ी साजिश में और कौन लोग शामिल हैं? इनके परिवारीजन व DHFL से संबंधित कंपनियों का बैंक अकाउंट भी खंगालना है। लिहाजा, विस्तृत पूछताछ व अन्य साक्ष्यों की बरामदगी के लिए अभियुक्तों का 15 दिन की कस्टडी रिमांड मंजूर की जाए।
दो नवंबर, 2019 को इस मामले की FIR वर्तमान सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने हजरतगंज कोतवाली में दर्ज कराई थी, जिसकी विवेचना ईओडब्ल्यू कर रही थी। उसने इस मामले में UPPCL के तत्कालीन आला अफसरों समेत 17 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। अभियुक्तों पर एक साजिश के तहत केंद्र सरकार की गाइडलाइन का उल्लघंन कर सीपीएफ व जीपीएफ की कई हजार करोड़ की रकम प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों में गलत तरीके से निवेश करने का आरोप है। पांच मार्च, 2020 को इस मामले की विवेचना CBI को सौंप दी गई थी।