एक ओर सरकार जहां अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलवा रही है वहीं दूसरी ओर अवैध कब्जे की खबरे छमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन अतिक्रमण और अवैध की खबरें सुर्खियों में बनी रहती हैं इसके बावजूद अवैध कब्जा करने वालों पर को ई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। राजधानी लखनऊ के अशर्फ़ाबाद में स्थित गिरधारा स्कूल के बगल में पड़ी करोड़ों की नगर निगम की ज़मीन पर भू-माफ़िया अवैध कब्जा करा रहे हैं।
मालूम हो कि नगर निगम जोन 6 में गिरधारा स्कूल के पास निकली सड़क से सटीक करोड़ों की ज़मीन पर अवैध कब्जा हो रहा है। लेकिन निगम कर्मचारियों की आंखें बंद हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कब चेतेगा नगर निगम जब भू-माफिया पूरी ज़मीन बेच देगा। क्या बने हुए गरीबों के मकान तोड़ेगा? क्योंकि अभी तक अधिकारीयों के कानों पर जों नहीं रेंगी है। नगर निगम को सिर्फ गरीबों के मकानों को तोड़ने,गिराने में ही मज़ा आता है।
पहले तो अधिकारी और कर्मचारी सब कुछ नंगी आखों से देखते रहते हैं बाद में जब ऊपर से डंडा चलता है तो कार्यवाही के नाम पर भवन गिरा कर अपना दामन झाड़ लेते हैं। मुख्यमंत्री के सख्त आदेश के बाद भी अवैध कब्जों पर निर्माण लगातार जारी है। मुख्यमंत्री योगी के आदेश के बाद भी कैसे कब्जा हो गई सरकारी ज़मीन ये बड़ा सवाल खड़ा होता है।
बता दें कि पूर्व पार्षद एवं एक प्रसपा नेता के षणयंत्र से नगर निगम कर्मचारी यह खेल कर रहे हैं। अवैध कब्जे के तहत काफी ज़मीन पर मकान बन चुके हैं। अभी भी बांस बल्लियों से ज़मीन घेरने का शातिराना तरीक़ा जारी है। कुछ दिनों बाद इस पर भी पक्का निर्माण हो जाएगा। अब देखना यह है कोई कार्यवाही होती है या फिर खाना पूर्ती कर निगम कर्मचारी अपना दामन झाड़ किनारे हो जाते हैं।