उन्नाव
साठगांठ के बाद पुलिस क्या-क्या कर सकती है, इसकी बानगी जिले में दिखी। पुलिस इस खेल में फंस भी गई है। औरास थाने में तैनात रहे दारोगा सुरेश चंद्र ने बिना जांच किए ही झगड़े के एक मामले में दो साल पहले मर चुके वसीम के खिलाफ मुकदमा दर्जकर चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी। अब कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दारोगा समेत चार पर धोखाधड़ी व बेईमानी की धारा में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है।
औरास थानाक्षेत्र के मुरौव्वन टोला निवासी अनवर ने कोर्ट में दायर किए वाद में बताया कि कस्बा निवासी हेमनाथ, नौशाद व मदन निवासी चमरौधा से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास सार्वजनिक शौचालय व रैन बसेरा निर्माण के दौरान झगड़ा हुआ था। इसमें उन लोगों ने हलका दारोगा सुरेश चंद्र से साठगांठ कर उस पर, उसके बेटों मंजीत, साजिद व वसीम के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराकर कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल करवा दी।
विवेचना के दौरान उसने दारोगा को बताया भी कि बेटे वसीम की पांच मई, 2018 को सड़क हादसे में मौत हो चुकी है। इसके बाद भी उसने 20 मार्च, 2020 को चारों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके 16 अप्रैल, 2020 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। आरोप है कि दारोगा ने उन सभी के आधार कार्ड लेकर वसीम की जगह उसके भाई मंजीत का अंगूठा लगवा लिया।
16 दिसंबर, 2021 को कोर्ट में दी गई तहरीर एसपी कार्यालय में 17 दिसंबर को डाक से भेजी गई, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके बाद 13 जनवरी, 2022 को कोर्ट में शिकायती पत्र देकर विपक्षियों पर कार्यवाही की मांग की। औरासा थाना प्रभारी संजीव शाक्य ने बताया, कोर्ट के आदेश पर हेमनाथ, नौशाद व चमरौधा निवासी ऊदन के साथ तत्कालीन दारोगा एवं मामले में विवेचक रहे सुरेश चंद्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।