नई दिल्ली
दुष्कर्म के आरोप में फंसे राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोरी के रोहित जोशी से जुड़ी जांच पर रोक लगाने से दिल्ली हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है। जांच पर रोक लगाने की मांग को लेकर रोहित की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने दिल्ली पुलिस समेत अन्य को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई 26 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है।
हालांकि, रोहित की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर के अनुरोध पर पीठ ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर करने की स्वतंत्रता दे दी है। रोहित की तरफ से दलील पेश करते हुए मोहित माथुर ने सवाल उठाया कि जीरो FIR दर्ज करने के बाद जब मामले को सवाय माधोपुर भेजने की बात की तो फिर पुलिस ने दोबारा FIR कैसे दर्ज की। उन्होंने अदालत से मामले की जांच पर रोक लगाने की मांग की।
वहीं, दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि यह मामला दिल्ली के एक होटल में हुआ है और मामले की जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है। ऐसे में अगर जांच पर इस स्तर पर रोक लगाने का कोई भी आदेश दिया गया तो जांच प्रभावित हो सकती है। सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा कि जीरो FIR के बाद क्या नियमित FIR दर्ज हो सकती है।
इसके जवाब में जैन ने कहा कि मामले में आगे की प्रगति के आधार पर नियमित FIR दर्ज की जा सकती है।रोहित जोशी के खिलाफ राजस्थान के एक न्यूज चैनल में काम करने वाली 23 साल की युवती ने दुष्कर्म, प्रताड़ित करने और शादी का झांसा देने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के सदर पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था।