वाराणसी ज्ञानवापी केस मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इसके बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमन्ना ने कहा है कि वे मामले को देखेंगे। अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद वाराणसी की प्रबंधन समिति ने वाराणसी कोर्ट की ओर से आदेशित काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा है कि हमें तत्काल सुनवाई की जरूरत है क्योंकि सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर CJI की अगुआई वाली पीठ के सामने वाराणसी की निचली अदालत के फैसले पर रोक की मांग की गई है।
अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की ओर से हुजैफा अहमदी ने CJI के सामने कहा कि आज निचली अदालत के फैसले पर कार्यवाही शुरू हो जाएगी। इसलिए मामले को आज ही सुना जाए। कम से कम मामले पर यथस्थिति बनाए रखने का आदेश जारी करें। इसके बाद CJI रमन्ना ने कहा कि अभी हमने पेपर नहीं देखा है। बिना पेपर देखे कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद में अधिवक्ता कमिश्नर के जरिए सुर्वे का आदेश देने वाले वाराणसी सिविल कोर्ट के सीनियर डिवीज़न जज रवि कुमार दिवाकर ने अपने फैसले में खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। अपने जजमेंट के 2 नंबर पेज पर उन्होंने बाकायदा इसका जिक्र किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि इस सर्वे के फैसले को लेकर डर का माहौल बना दिया गया है। मुझे अपने परिवार की और परिवार को मेरी सुरक्षा की चिंता बनी रहती है।