राज्यसभा से बेटिकट होने के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने चुप्पी तोड़ी। तेवर तल्ख थे, लेकिन शब्दों में समर्पण था। प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि नीतीश कुमार का हर फैसला उन्हें मंजूर है। हमारे नेता ने जो किया, वह पार्टी और उनकी भलाई के लिए ही किया होगा।
मोदी सरकार में रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) इस्पात मंत्री हैं। जनता दल यूनाइटेड के कोटे से वह मंत्री भी हैं। 7 जुलाई को राज्यसभा की उनकी सदस्यता ख़त्म हो रही है लेकिन इस बार जेडीयू ने उन्हें फिर से उम्मीदवार नहीं बनाया है। ऐसे में यह सवाल खड़ा हो रहा है कि वह सात जुलाई के बाद जेडीयू के कोटे से मंत्री रहेंगे भी या नहीं? ख़बर है कि जेडीयू में बिहार के सीएम नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच सब कुछ सही नहीं है।
RCP को राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। आरसीपी को लेकर कहा जा रहा था कि वह मंत्री बनने के बाद से बीजेपी के क़रीब होते गए। राज्यसभा के लिए फिर उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद आरसीपी सिंह ने सोमवार को जो कुछ भी कहा उससे साफ़ लग रहा है कि वह बीजेपी के पक्ष का बचाव कर रहे हैं।
सोमवार को आरसीपी सिंह ने कहा कि बीजेपी के पास 303 सांसद हैं और उन्हें किसी ज़रूरत नहीं है। ये तो उनकी उदारता थी कि उन्होंने जेडीयू को मंत्री का एक पद दिया है। चुनाव पूर्व गठबंधन था लेकिन चुनावी नतीजे के बाद सरकार बनाने में हमारी कोई भूमिका नहीं रह गई थी। कुछ लोग झगड़ा लगाने का काम करते हैं। उन्होंने एक पद दे दिया, वही बड़ी बात है।
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर कहा कि दिक़्क़त यहीं पर आती है। पीएम के लिए 273 सीट चाहिए। हमारी पार्टी 16 सीट पर है। क्या चाहते हैं? नाम लिखाना थोड़ी है। बिहार के सबसे लंबी अवधि के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। नाम कितनी जगह दर्ज कराएंगे? जनता दल यूनाइटेड यानी JDU ने केंद्रीय मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह (आरसीपी सिंह) की बजाय झारखंड जेडीयू अध्यक्ष और पूर्व विधायक खीरू महतो को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि इसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आरसीपी सिंह अब मोदी कैबिनेट का हिस्सा रह पाएंगे या नहीं। जेडीयू के अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने रविवार को ही ये एलान कर दिया कि खीरू महतो को पार्टी राज्यसभा भेजेगी। जेडीयू कोटे में केवल एक राज्यसभा सीट है, जिससे साफ़ है कि आरसीपी सिंह का पत्ता कट गया है।
राज्यसभा के लिए टिकट न मिलने पर उन्होंने कहा कि उन्होंने जो भी फैसला किया, वो मेरे हित में है। मैंने अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कोई नाराज़ हों। इसी के साथ ही आरसीपी सिंह ने जातीय जनगणना पर भी पार्टी से अलग बीजेपी वाली लाइन को समर्थन दिया था।
आरसीपी सिंह को पहली बार 2021 में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार के दौरान मंत्री बनाया गया था। उन्होंने पार्टी को बूथ स्तर तक कार्यकर्ता दिए। पार्टी ने उन्हें महासचिव बनाया, सदन में दल का नेता बनाया, राष्ट्रीय अध्यक्ष् बनाया और अभी नेतृत्व की सहमति से ही केंद्रीय मंत्री हूं। जो जिम्मेदारी दी गई, उसे निष्ठा से निभाया है।