लोकभारती “जल स्रोत संरक्षण उत्सव माह” का आयोजन चैत्र प्रतिपदा 2 अप्रैल से अक्षय तृतीया 3 मई तक सम्पूर्ण देश में आयोजित किया गया। इसी अवसर पर लोकभारती के महामन्त्री भास्कर अस्थाना, नरेन्द्र टाकुली, दयाल सिंह कोमलटा और बाबा खेमदा ने वर्ष प्रतिपदा 2 अप्रैल को उत्तराखंड के कुमाऊँ में वागेस्वर जिला केन्द्र पर पवित्र सरयू में स्नान के बाद सरयू तट पर स्थित शिव शंकर वाघेस्वर नाथ के दर्शन के पश्चात कपकोट विकास खंड के भरारी एवं घटिया सार तक बहन द्वारा यात्रा पूरी करने के बाद सरयू उद्गम स्थल सरयू मूल – सौ धार तक चार घण्टे की दुर्गम पहाडियों के मध्य सरयू के किनारे किनारे यात्रा पूरी की।
य़ह स्थल मान सरोवर झील के नीचे भद्रतुंगा, भारद्वाज ऋषि अश्रम पर स्थित है। इसके उपर सरयू मन्दिर एवं वशिष्ठ जी की तपस्थली वशिष्ठ गुफा स्थित है। 3 मई को सरयू के पवित्र जल में स्नान करके स्थानीय लोगों के साथ सुन्दर कांड का पाठ करने के बाद रात्रि का निवास जंगल में स्थित बाबा सीताराम की कुटिया में आग जलाकर किया। 4 मई को प्रातः स्नान पूजन के बाद बाबा सीताराम के कर कमलों द्वारा सरयू उद्गम स्थल का पवित्र जल कलश लेकर प्रस्थान किया।
इसी के साथ ही 11 मई को साय काल 5 बजे सरयू उद्गम के जल का अर्पण अयोध्या की पवित्र सरयू धारा में सरयू मैया की आरती के साथ सम्पन्न कर य़ह संदेश दिया जाएगा कि उत्तराखंड से विहार में छपरा में गंगा मिलन तक भगवान श्री राम की एक ही सरयू की पवित्र धारा है। इस भाव को और पुष्ट करने हेतु सम्पूर्ण सरयू की यात्रा का आयोजन लोकभारती द्वारा किया जाएगा।