लखनऊ
कानपुर रोड कटी बगिया तिराहे से अवध चौराहे तक पहुंचने में जहां 15-20 मिनट लगने चाहिए। वहां रास्ते में पड़ने वाले सात चौराहों को पार करने में करीब दो से ढाई घंटे लग गए। इन चौराहों पर जाम का मुख्य कारण पुलिस कर्मियों की निष्क्रियता और नो-एंट्री से पहले शहर के अंदर भारी वाहनों को प्रवेश देना है। यह हाल रोज का है। स्कूटर इंडिया चौराहा, नादरगंज, एयरपोर्ट वीआइपी तिराहा, शहीदपथ पर कहीं पुलिस कर्मी ड्यूटी प्वाइंट से गायब मिले, जबकि मुख्यमंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी तक ने दिल्ली में हुई घटना के बाद से सख्त निर्देश दिए हैं कि पुलिस कर्मी अलर्ट मोड पर अपने क्षेत्र में रहें। उसके बाद भी यहां के प्रमुख चौराहों से पुलिस नदारद है।
रात 8:30 बजे कटी बगिया तिराहे पर यातायात सामान्य है। चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लगा है पर कोई वाहन चालक ट्रैफिक नियम का पालन नहीं कर रहा है। ड्यूटी पर तैनात बंथरा थाने के दारोगा सुरेंद्र सिंह दो सिपाही सहित हाथ बांधे खड़े हैं। लखनऊ से मोहान रोड और मोहान रोड से लखनऊ को आने वाले कामर्शियल वाहन जब मुड़ते हैं तो कानपुर से आने वाले वाहनों की रफ्तार थम जाती है। जिसके कारण जाम लग जाता है।
पांच-सात ट्रक अगर इस तरह से गुजरते हैं तो कानपुर रोड पर वाहनों का दबाव बढ़ने के कारण कुछ ही देर में कई किमी तक कतारें लग जाती हैं। अगर ट्रैफिक पुलिस कर्मी सक्रिय रहें और ट्रैफिक संचालन करें और समय से पहले कामर्शियल वाहनों की एंट्री शहर के अंदर न दें तो जाम से मुक्ति मिल जाएगी। इस दौरान कानपुर रामादेवी से आ रहे कार सवार व्यापारी श्रवण शर्मा और कानपुर देहात रूमा से आ रहे विजय श्रीवास्तव जाम में फंसे हैं।
श्रवण ने बताया कि वह ओमेक्स सिटी में रहते हैं। अक्सर कानपुर जाना होता है। पर यहां भीषण जाम लगता है। वहीं, विजय ने बताया कि रूमा इंडस्ट्रियल एरिया में उनकी फैक्ट्री है। हमेशा उन्हें जाम से जूझना पड़ता है। कटी बगिया से एयरपोर्ट तक पहुंचने में उन्हें दो घंटे करीब लग जाते हैं। कई बार तो उनकी फ्लाइट भी छूट चुकी है। यह शहर का नो-एंट्री प्वाइंट है। सुबह छह बजे से रात 11 बजे तक भारी वाहनों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित है। दो ट्रैफिक पुलिस कर्मी और एक होगमार्ड ड्यूटी पर है।
पुलिस कर्मी बैरियर लगाकर कुछ कामर्शियल वाहनों का डायवर्जन मोहनलालगंज की ओर कराते हैं, जबकि कुछ को शहर के लिए छोड़ देते हैं। बैरियर लगा होने के कारण कानपुर रोड से आने वाले वाहनों की रफ्तार रुकती है। इसके अलावा रायबरेली रोड से आने वाले भारी वाहन शहर के अंदर और कानपुर रोड को मुड़ते हैं। वाहनों के पहिए थम गए हैं। यह रोज की बात है। इसका हल यह है कि यहां भारी वाहनों को नो एंट्री के समय प्रवेश नहीं देना चाहिए। जाम न लगे इसके लिए यहां से बैरियर हटना चाहिए। ट्रैफिक सिग्नल के अनुसार वाहनों का संचालन हो।