सीतापुर
मिश्रिख के अमटामऊ में तेज आंधी में गिरी पक्की दीवार के नीचे दबकर दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई। एक बालिका और मां घायल हुई। घायलों का निजी अस्पताल में इलाज किया गया। जानकारी मिली तो आसपास गांवों के ग्रामीण भी मौके पर पहुंचे हैं। हादसे से परिवार में मातम है। हादसे के काफी देर बाद तक पुलिस और प्रशासन का कोई जिम्मेदार मौके पर नहीं पहुंचा था।
अमटामऊ में निवासी नीरज पुत्र मोती और उसका परिवार गांव के बाहर खेत के पास पक्की दीवार पर छप्पर डालकर झोपड़ी में रहता है। सोमवार को सुबह नीरज काम पर गया था। उसकी पत्नी रिंकी और तीन बेटियां झोपड़ी में ही थीं। दोपहर में आई तेज आंधी में पक्की दीवार ढह गई। मां और तीनों बेटियां मलबे में दब गईं। हादसे का पता चला तो ग्रामीण जमा हो गए। मलबे में दबे परिवार को बाहर निकालने का काम शुरू हुआ।
जानकारी मिलते ही नीरज भी घर आ गया। ग्रामीण जब तक परिवार को मलबे से बाहर निकालते एक वर्षीय यशोदा और तीन वर्षीय केसकली की मौत हो गई। मां रिंकी और पांच वर्षीय रामजानकी को भी चोट आई। इलाज के लिए दोनों को एक निजी अस्पताल भेजा गया। जहां उनकी मलहम पट्टी की गई। तेज आंधी में हुए हादसे से परिवार में मातम का माहौल है। परिवारजन का रो-रोकर बुरा हाल है। आसपास गांवों के ग्रामीण भी मौके पर जमा हुए हैं। पीड़ित के सगे-संबंधी भी पहुंचे हैं। परिवार को ढांढस बंधाया जा रहा है।
मिश्रिख कोतवाली प्रभारी ने बताया कि हादसे की जानकारी नहीं हुई है। अभी पता कराते हैं। पुलिसकर्मियों को मौके पर भेज रहे हैं। वहीं मिश्रिख के तहसीलदार राजकुमार गुप्ता का कहना है कि अभी जानकारी मिली है। दो बच्चियों की मौत होना बताया जा रहा है। हम खुद मौके पर पहुंच रहे हैं।