अयोध्या
अयोध्या रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गांव-गांव पूजित कराई गईं राम शिलाएं (ईंटें) भले ही निर्माण में नहीं प्रयुक्त हो सकीं, किंतु मंदिर की आधारभूमि में स्थापित होकर वह आस्था का नया प्रतिमान गढ़ रही हैं। 30 सितंबर, 1989 को मंदिर निर्माण के लिए ये शिलाएं देश के पौने तीन लाख गांवों सहित दूसरे देशों तक में पूजित कराई गई थीं। पहले इन्हें रामजन्मभूमि के करीब फकीरे राम मंदिर के परिसर में स्थापित किया गया।
सन 2005 में रामजन्मभूमि परिसर पर आतंकी हमले के बाद इन्हें फकीरे राम मंदिर से स्थानांतरित कर रामघाट स्थित मंदिर निर्माण कार्यशाला में रखा गया था। नौ नवंबर, 2019 को राम मंदिर के पक्ष में आए न्यायालय के निर्णय के बाद जब मंदिर निर्माण की कार्ययोजना बनी, तब इन शिलाओं की उपयोगिता पर सवाल उठने लगे। मंदिर निर्माण में ऐसा कोई हिस्सा नहीं है, जिसका निर्माण इन शिलाओं से सुनिश्चित होता।
इसके बावजूद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इन शिलाओं को आस्था के स्मारक के रूप में रामजन्मभूमि परिसर में स्थापित करने का निर्णय लिया और इसी क्रम में ये शिलाएं गत माह ही मंदिर निर्माण कार्यशाला से रामजन्मभूमि परिसर लाई गईं और उन्हें रामलला के गर्भगृह के ईशानकोण पर स्थापित किया गया। विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा के अनुसार इसी औचित्य के अनुरूप शिलाओं को राम मंदिर की आधारभूमि में स्थापित किया गया है।