नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर शुक्रवार यानी 10 जुलाई को सुनवाई करेगा। दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच से जल्द सुनवाई की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने 10 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया।
दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। दिल्ली सरकार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार का 19 मई को लाया गया अध्यादेश असंवैधानिक है। इससे पहले 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने कहा था कि उपराज्यपाल के पास केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली से संबंधित सभी मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक पर्यवेक्षण नहीं हो सकता है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने सर्वसम्मत फैसले में कहा है कि उपराज्यपाल की शक्तियां उन्हें दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती हैं। यानी दिल्ली सरकार का पुलिस, कानून व्यवस्था और भूमि पर नियंत्रण नहीं है।
कोर्ट ने कहा था कि नौकरशाह इस धारणा के तहत नहीं हो सकते कि वे मंत्रियों के प्रति जवाबदेह होने से अछूते हैं। अगर अधिकारी इस धारणा के तहत मंत्रियों को जवाब नहीं देते हैं, तो वे लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के लिए बेहिसाब हो जाएंगे। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा के पास भूमि, लोक व्यवस्था और पुलिस को छोड़कर सूची 2 में सभी विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है।