देहरादून। आपरेशन प्रहार के अंतर्गत एसटीएफ अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। एसटीएफ ने 14 वर्ष पहले घटना कर फरार इनामी हत्यारे को हरियाणा से गिरफ्तार किया है। प्रकाश पंत से ओमप्रकाश बनकर हरियाणा में रह रहा हत्यारा 2009 में लालकुआं से फरार था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। अपनी रिश्तेदारी व मित्रों में नेपाल में रहने की अफवाह फैलाकर आरोपित हरियाणा में रह रहा था।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि एसटीएफ शातिर और इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी में 50 का आंकड़ा पार कर चुकी है। उन्होंने बताया कि आरोपित प्रकाश पंत ने 10 दिसम्बर 2009 को जमीन के बंटवारे में अपने चाचा दुर्गादत्त पंत की हत्या कर दी थी, तभी से वह फरार था। उसकी गिरफ्तार में लगी नैनीताल पुलिस ने दिल्ली, हरियाणा, बेंगलोर, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि जहां-जहां ओम प्रकाश रहा वहां पहुंची, लेकिन प्रकाश पंत उन्हें नहीं मिल पाया।
वेल्डिंग के काम में दक्ष होने पर उसे आसानी से काम मिल जाता था। वह समय-समय पर अपने छिपने का स्थान बदलकर वेल्डिंग की दुकानों / फैक्टरी में काम कर रहा था। अभियुक्त प्रकाश पंत ने बताया कि वह पहले से फरीदाबाद में वेल्डिंग फेब्रिकेशन फिटर का काम करता था। चम्पावत में पैतृक जमीन थी और उसके चाचा जो कि बिन्दुखाता लालकुआं, नैनीताल में रहते थे। उक्त जमीन के बंटवारों को लेकर उसके पिता और चाचा दुर्गादत्त पंत के मध्य विवाद चल रहा था।
प्रकाश ने बताया कि गत 10 दिसम्बर 2009 को वह दिल्ली से अपने चाचा के पास बिन्दुखाता जमीन के सम्बन्ध में बात करने आया। उसने अपने चाचा को खूब समझाया, लेकिन वह नहीं माने तो मैंने गुस्से में आकर तमंचे से उनको गोली मार दी। इसके बाद में वहां से फरार हो गया। हरियाणा, बेंगलुरु, तमिलनाडु, गुजरात, पूना आदि स्थानों पर रह रहा था। वर्ष 2016 में उसने उन्नाव, उप्र की रहने वाले एक परिवार की लड़की पूजा से शादी कर ली और बल्लभगढ़ हरियाणा में मशीन के समान की वेल्डिंग की दुकान खोल ली। विगत 07 साल से वह वहीं रह रहा था। वहां पर उसे सब ओम प्रकाश के नाम से जानते थे।
वर्तमान में उसके 07 वर्ष, 04 वर्ष और 02 वर्ष के तीन बेटे हैं। उसने अपना घर जीवन नगर गोची. बल्लभगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में भी बना लिया था। उसने अपनी रिश्तेदारी और पुराने रहने की जगह में सभी को यह अफवाह फैला दी थी कि वह अब नेपाल में रह रहा है। अब वह कभी भारत वापस नहीं आएगा, जिससे कि पुलिस का ध्यान उसकी से हट जाये। मेरी इस तरकीब से यह प्रभाव पड़ा कि सभी लोग मुझे नेपाल में रहना समझ कर मेरी खोजबीन नहीं कर रहे थे, लेकिन कानून के लंबे हाथ आखिरकार उसकी गर्दन तक पहुंच ही गए और एसटीएफ ने उसे धर दबोचा।