मुरादाबाद। दिल्ली रोड बुद्धि विहार व्हाइट हाउस में आयोजित हो रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव के तीसरे दिन पद्म विभूषण श्री चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि इस कलियुग में मनुष्य के लिए एकमात्र आश्रय श्रीमद्भागवत कथा की अमृत धारा है। जो हमें हमारे सारे दुख, दर्द से मुक्त कर हमें उस परमात्मा के चरणों में पहुंचने का सीधा और सरल राह दिखती है।
जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने कथा में विदुर के चरित्र का उल्लेख करते हुए बताया कि ज्ञानवान, ज्ञानी, विद्वान कुशल उनकी माता का नाम अंबिका था, जो वेदव्यास जी के आशीर्वाद से उत्पन्न हुए थे। विदुर हस्तिनापुर के महामंत्री थे। कथा में महाराज ने भगवान विष्णु के कई अवतारों का गुणगान किया। कथा वाचक ने कहा कि रावण ने विभीषण को निकाल कर गलती की और दुर्योधन ने विदुर को निकाल कर गलती की थी।
जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य महाराज ने सुनाया कि भगवान श्रीकृष्ण द्रोणाचार्य, भीष्म पितामह आदि के निमंत्रण को ठुकराकर, विदुरजी की कुटी पर पधारे थे। विदुरजी की धर्मपत्नी परमभक्त हृदया सुलभा ने प्रभु की भक्तिपूर्ण प्रतीक्षा की थी। महाराज श्री ने बताया कि माधव की प्रतीक्षा में विदुर की पत्नी स्नानमिस भवन में प्रविष्ट होती हैं तभी श्यामसुंदर उनके द्वार पर पधारते हैं। वह श्रीकृष्ण के चरणों में लिपट जाती हैं तथा ससम्मान उन्हें अपने भवन में ले आकर यथाविध भावपूर्वक पूजन करती हैं एवं श्यामसुंदर के अनुरोध पर विभोर होकर केले के छिलके खिलाने लगती हैं और श्रीकृष्ण भी परभ भाव से उन्हें स्वीकार करते हैं।
महाराज श्री ने लट उलझी सुलझा जा रे मोहन मेरे हाथ मेहंदी लगी, बालो का गजरा गिर गया मेरा अपने हाथ पहना जा रे मोहन, कानों का झुमका गिर गया मेरा, अपने हाथ पहना जा रे मोहन, आंखो का काजल हट गया मेरा, अपने हाथ लगा जा रे मोहन मेरे हाथ मेहंदी लगी…, आओ मेरी सखियो मुझे मेहंदी लगा दो, मेहंदी लगा दो, मुझे सुन्दर सजा दो, मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो, सतसंग मे मेरी बात चलायी, सतगुरु ने मेरी किनी सगाई, उनको बोला के हथलेवा तो करा दो, मुझे श्याम सुन्दर की दुल्हन बना दो… भजनों की प्रस्तुति दीं।
पूजन पंडित केशवराव पुखरियाल व पंडित राजीव शुक्ला ने सम्पन्न कराया। मुख्य यजमान ज्ञानेंद्र देव शर्मा व मनुस्मृति शर्मा रहे। चरण पादुका व्यवस्था श्री कल्याणी दरबार के सौजन्य से रहीं।
इस मौके पर गुरु अमरनाथ दीक्षित, आचार्य व्योम त्रिपाठी, ज्ञानेन्द्र देव शर्मा, मनुस्मृति शर्मा, एमएलसी डॉ जयपाल सिंह व्यस्त, बरेली से पूर्व विधायक राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल, ज्वालापुर से विपिन कुमार मित्तल, पूर्व ब्लॉक प्रमुख डॉ ललित कौशिक, प्रदीप शुक्ला, सुनील गर्ग, भूपाल सिंह, राजेश खंडेलवाल, श्याम सुंदर गौड़, राजेश रस्तोगी, निमित, अमित शर्मा, रजत शर्मा, प्रदीप शर्मा, राधेश्याम शर्मा, देवेश वशिष्ठ, शरद कौशिक, सुशील शर्मा, संजय अग्रवाल, रामरतन शर्मा, ओमेंद्र कुमार सिंह, सुधाकर शर्मा, अशोक अरोड़ा, डॉ प्रदीप शर्मा, संजय रस्तोगी, आशुतोष शर्मा, मीरा गुप्ता, भारती भटनागर, सुमन विश्नोई, अनिता शर्मा, मंजू शर्मा, राधिका शर्मा, जीवनलता शर्मा, डॉ शशि अरोड़ा, नीरज लाठे, डॉ प्रेमवती उपाध्याय, कुमकुम रस्तोगी आदि उपस्थित रहीं।
श्रीमद्भागवत कथा की अमृत धारा कलियुग में मनुष्य के लिए एकमात्र आश्रय: रामभद्राचार्य महाराज
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