लंदन । पाकिस्तान के आंतरिक हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान आंदोलित हैं, वहीं नए सेना प्रमुख की नियुक्ति पर भी फैसला नहीं हो पा रहा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन मसलों पर अपने भाई व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से चर्चा के लिए लंदन पहुंचे हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नवंबर, 2019 में चिकित्सा संबंधी आपात स्थिति में लंदन पहुंचे थे और तभी से वहां रह रहे हैं। उन्हें एक संपत्ति घोटाले में दोषी ठहरा कर दस साल जेल की सजा सुनाई गई थी। कालांतर में पाकिस्तान की राजनीतिक परिस्थितियां बदलीं और नवाज के भाई शहबाज प्रधानमंत्री बन गए। इसके बाद से लगातार कहा जा रहा है कि शहबाज भले ही प्रधानमंत्री हैं, पर सरकार नवाज ही चला रहे हैं। कुछ माह पूर्व शहबाज की लंदन यात्रा के बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री को बदलने का फैसला भी हुआ था। तब नवाज के समधी इशाक डार को देश का वित्त मंत्री बनाया गया था। अब एक बार फिर शहबाज की लंदन यात्रा को पाकिस्तान सरकार के संचालन में किसी बड़े फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान के अखबारों में छपी खबरों के अनुसार मिस्र में संयुक्त राष्ट्र जलवायु संरक्षण सम्मेलन से भाग लेकर शहबाज निजी विमान से लंदन पहुंचे और उन्होंने नवाज शरीफ से मुलाकात की। पाकिस्तान की सूचना और प्रसारण मंत्री मरियम औरंगजेब ने एक ट्वीटकर शहबाज शरीफ के निजी उड़ान से लंदन जाने की जानकारी भी दी। माना जा रहा है कि दोनों भाइयों ने इस महीने के अंत में पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा की है। पाकिस्तान के मौजूदा सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। यह पहली बार नहीं है जब शहबाज ने मार्गदर्शन लेने के लिए अपने बड़े भाई की ओर रुख किया है। इस साल अप्रैल में सत्ता में आने के बाद से वे तीसरी बार अपने भाई से मिलने लंदन गए हैं।
माना जा रहा है कि नवाज व शहबाज के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आजादी मार्च को लेकर भी चर्चा होगी। इमरान खान पर जानलेवा हमले के बाद यह मार्च दोबारा शुरू करने का एलान किया जा चुका है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शहबाज की लंदन यात्रा पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने बड़े भाई के साथ अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा कर आधिकारिक गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री पद की शपथ का उल्लंघन भी करार दिया है।