काठमांडू । चीन के क़र्ज़ से निर्मित पोखरा एयरपोर्ट का उद्घाटन होने के करीब छह महीने बाद यहां से अंतरराष्ट्रीय चार्टर्ड उड़ानें शुरू हुईं हैं। देरी से निर्माण कार्य पूरा होने के बाद इसी साल जनवरी में एयरपोर्ट का धूमधाम से उद्घाटन किया गया। अब यहां से अंतरराष्ट्रीय चार्टर्ड उड़ानें चीनी कर्ज के जाल से उबरने के लिए शुरू की गई हैं।
बुधवार को चेंगदू से 158 सीटों की क्षमता वाली सिचुआन एयरलाइंस की फ्लाइट से 84 यात्री उतरे। वे नेपाल-चीन मैत्री ड्रैगन बोट रेस महोत्सव में भाग लेने आए हैं। पोखरा से काठमांडू जाने वाली फ्लाइट में और पोखरा से काठमांडू जाने वाली फ्लाइट में कोई यात्री नहीं था। यानी यह दोनों उड़ानें महज औपचारिकता के लिए बगैर किसी यात्री के भरी गईं।
पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के प्रवक्ता जशोदा सुबेदी के अनुसार चार्टर्ड उड़ानों के रूप में केवल एकतरफा यात्रियों को अनुमति है। हालांकि, यह विमान काठमांडू से नियमित उड़ान के अनुसार यात्रियों को लेकर आया था। अभी फिलहाल चेंगदू से पोखरा और पोखरा से काठमांडू तक चार्टर्ड उड़ानें शुरू की गईं हैं। सुबेदी के मुताबिक बुधवार की चार्टर्ड उड़ान के अलावा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का नियमित शेड्यूल नहीं मिला है।
पोखरा एयरपोर्ट की प्रवक्ता जशोदा सुबेदी ने कहा कि उड़ान के लिहाज से आय पर्याप्त होगी। उन्होंने साफ किया कि लोन और उसका ब्याज चुकाने में भी उन्हें नुकसान हो रहा था। चूंकि, यह एयरपोर्ट चीन के कर्ज पर बना है और इसके चालू नहीं होने पर कर्ज का बोझ बढ़ेगा, इसलिए यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि यह एयरपोर्ट चार्टर्ड उड़ानों से चालू है। यदि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का संचालन ठीक से नहीं किया गया, तो देश को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
दरअसल, पोखरा एयरपोर्ट 305 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाया गया था। इसमें से 215 मिलियन चीन के एक्ज़िम बैंक, 30 मिलियन एशियन डेवलपमेंट बैंक और 11 मिलियन डॉलर ओपेक फंड का कर्ज़ है। बाकी का निवेश नेपाल सरकार ने किया है। एयरपोर्ट का निर्माण चाइना सीएएमसी इंजीनियरिंग ने किया था। चीन ने पोखरा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बीआरआई परियोजना का हिस्सा बताया है, जबकि सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि नेपाल में कोई बीआरआई परियोजना नहीं है।