नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का संकेत दिया है कि वो दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ को रेफर कर सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये संकेत दिया। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी।
कोर्ट ने 10 जुलाई को केंद्र सरकार और दिल्ली के उप-राज्यपाल को नोटिस जारी किया था। दिल्ली सरकार ने याचिका में केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाने की मांग की गई है। दिल्ली सरकार ने याचिका में कहा है कि केंद्र सरकार का 19 मई को लाया गया अध्यादेश असंवैधानिक है।
उल्लेखनीय है कि 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने कहा था कि उप-राज्यपाल के पास केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली से संबंधित सभी मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक पर्यवेक्षण नहीं हो सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय बेंच ने सर्वसम्मत फैसले में कहा है कि उप-राज्यपाल की शक्तियां उन्हें दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती हैं।
कोर्ट ने कहा था कि नौकरशाह इस धारणा के नहीं हो सकते कि वे मंत्रियों के प्रति जवाबदेह होने से अछूते हैं। अगर अधिकारी इस धारणा के तहत मंत्रियों को जवाब नहीं देते हैं, तो वे लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार के लिए बेहिसाब हो जाएंगे। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली विधानसभा के पास भूमि, लोक व्यवस्था और पुलिस को छोड़ कर सूची 2 में सभी विषयों पर कानून बनाने की शक्ति है।