Salmonellosis Explained in Hindi: अमेरिका और यूरोप में एक बार फिर से बैक्टीरियल बीमारी साल्मोनेलोसिस, लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के मुताबिक, अमेरिका ओर यूरोप (US and Europe) में 150 से ज्यादा संदिग्ध मामले सामने आए हैं. करीब एक महीने पहले ब्रिटेन के स्वास्थ्य नियामकों ने भी साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम के मामले (Salmonella Typhimurium) डिटेक्ट किए थे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, इस बीमारी के चलते बच्चों और बुजुर्गों में डिहाइड्रेशन की गंभीर समस्या होती है. बता दें कि यूरोप समेत दुनिया के 110 से ज्यादा देश किंडर प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली खाद्य निर्माता कंपनी ने बुधवार को अपने प्लांट में इस बैक्टीरिया के निशान मिलने के बाद अपने चॉकलेट प्रॉडक्ट्स को वापस मंगा लिया है. इजराइली मीडिया ने हाल के दिनों में कई बच्चों और बुजुर्गों में वैक्टीरियल इंफेक्शन रिपोर्ट किया है, जिन्हें मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ी है.
बहरहाल हम जानते हैं कि उपाय से बेहतर बचाव है और यह तभी संभव है, जब हमें किसी बीमारी के बारे में सामान्य जानकारी ही हो, लेकिन डिटेल में हो. तो आइए, समझ लेते हैं कि यह बीमारी है क्या, यह कैसे होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.
क्या है यह बीमारी?
साल्मोनेला संक्रमण यानी साल्मोनेलोसिस एक बैक्टीरियल बीमारी है जो इंसानों की आंतों को प्रभावित करती है. यह साल्मोनेला बैक्टीरिया से फैली है, जो खासकर जानवरों और मनुष्य की आंत में होता है. संक्रमित व्यक्ति के मल से भी यह बीमारी फैल सकती है. अमूमल साल्मोनेला बैक्टीरिया से संक्रमित पानी पीने से या संक्रमित खाद्य लेने से इंसान इस बीमारी की चपेट में आते हैं. साल्मोनेला संक्रमण में आठ घंटे से लेकर तीन दिन के अंदर बुखार, दस्त और पेट दर्द होता रहता है. वहीं कुछ लोगों में इसके लक्षण ही नहीं दिखते. My Upchar की रिपोर्ट के मुताबिक, फिट और स्वस्थ लोग कुछ ही दिनों के इलाज में ठीक हो जाते हैं.
और क्या वजहें हो सकती हैं?
इंसानों के अलावा पशुओं और पक्षियों की आंत में भी साल्मोनेला बैक्टीरिया पाया जाता है. ऐसे में आमतौर पर कच्चा या अधपका चिकन, मटन, अंडे या अन्य एग प्रॉडक्ट्स से भी साल्मोनेला संक्रमण हो सकता है. साथ ही संक्रमित व्यक्ति के मल से भी यह बीमारी फैल सकती है. इस बैक्टीरिया से संक्रमित खाना खाने से भी ज्यादातर लोग साल्मोनेला से संक्रमित हो जाते हैं.
साल्मोनेला के लक्षण
साल्मोनेलोसिस बीमारी से जुड़े लक्षण कुछ घंटे से लेकर अगले दो से तीन दिनों के भीतर देखने को मिल सकते हैं. हालांकि कुछ लोगों में इसके लक्षण नहीं भी दिखते, लेकिन ज्यादातर लोगों में जो लक्षण नजर आते हैं, वे ऐसे हैं —
सिरदर्द होना और बुखार आना.
मतली और उल्टी होना.
ठंड लगना और पेडू में दर्द.
दस्त और मल में खून आना वगैरह.
साल्मोनेला का इलाज
साल्मोनेला संक्रमण से डिहाइड्रेशन की समस्या यानी शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ऐसे में संक्रमित को इलाज के दौरान ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट दिए जाते हैं. कुछ गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की भी जरूरत है और फिर वहां स्लाइन चढ़ानी पड़ती है.
ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर मरीज के लिए दस्त रोकने वाली मेडिसिन समेत कुछ और जरूरी दवाएं दे सकते हैं. पेडू में दर्द के लिए भी वे दवा दे सकते हैं. यदि मरीज के ब्लड में साल्मोनेला बैक्टीरिया चला जाए या उसकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाए तो डॉक्टर एंटीबायोटिक्स भी रेकमेंड करते हैं.
(डिस्क्लेमर: यह लेख आपकी सामान्य जानकारी बढ़ाने के लिए है. किसी भी बीमारी के इलाज के लिए स्पेशलिस्ट डॉक्टर से मिलने की सलाह दी जाती है.)