नई दिल्ली । सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले लोगों का पैसा केन्द्र सरकार चरणबद्ध तरीके से वापस करवा रही है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सोमवार को सहारा रिफण्ड पोर्टल का शुभारंभ किया था। इस पोर्टल पर निवेशक जरूरी दस्तावेज अप्लोड कर 45 दिनों के अंदर अपने पैसे को वापस पा सकते हैं।
सहकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के प्रमाणिक जमाकर्ताओं को सीआरसीएस–सहारा रिफंड पोर्टल पर दावे प्रस्तुत करने में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) भी सहायता करेंगे। मंत्रालय का कहना है कि कोई भी निवेशक अपने निकट के सीएससी केन्द्र पर जाकर अपने दस्तावेज पोर्टल पर ऑनलाइन करवा सकते हैं।
मंत्रालय का कहना है कि देश भर में फैले हुए 5.5 लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा 300 से अधिक ई-सर्विसेज उपलब्ध कराई जा रही हैं । इन सीएससी में इंटरनेट कनेक्टिविटी, कम्प्यूटर, प्रिंटर और स्कैनर जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। प्रमाणिक जमाकर्ताओं द्वारा सीआरसीएस–सहारा रिफंड पोर्टल पर अपने दावे प्रस्तुत करने के लिए आवेदन भरने के लिए निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर से सहायता ली जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि सीआरसीएस–सहारा रिफंड पोर्टल को सहारा समूह की 04 सहकारी समितियों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के प्रामाणिक जमाकर्ताओं द्वारा दावे प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है ।
सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं की वैध जमा धनराशि के भुगतान संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए सहकारिता मंत्रालय के आवेदन पर सर्वोच्च न्यायालय ने 29 मार्च, 2023 को एक आदेश दिया था। इसके तहत सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के वैध देयों के भुगतान के लिए सहारा-सेबी रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाने का आदेश दिया था।