लखनऊ
हर साल शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत हर साल बड़ी संख्या में बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग इन बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए हर बार ढिंढोरा भी पीटता है, बावजूद इसके सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं। जिसका कारण निजी स्कूलों का हठ और विभाग की हीलाहवाली है। पूर्व प्राथमिक या कक्षा एक में ऑनलाइन आवेदन की शुरुआत दो मार्च से हो गई है। पहले, दूसरे चरण के तहत आवेदन की डेट बीत चुकी है। इस बार प्रवेश प्रक्रिया तीन चरणों में की जा रही है।
प्रवेश की स्थिति
पहले चरण के तहत 30 मार्च को लाटरी हुई। इसमें कुल 14,679 आवेदन प्राप्त हुए। 659 अपात्र आवेदन मिले। वहीं 9,709 कुल पात्र मिले। इनमें अभी तक 4311 विद्यार्थियों को विद्यालय आवंटित नहीं हुए। महज 2,536 विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिल सका। दूसरे चरण की लाटरी 28 अप्रैल को हुई। इसमें कुल 7,141 आवेदन आए। 412 अपात्र आवेदन मिले। जबकि 4,537 विद्यार्थियों को पात्र पाया गया। 2,192 विद्यार्थियों को अभी तक विद्यालय आवंटित नहीं हो सका। दूसरे चरण में पात्र पाए एक भी बच्चे को अभी तक दाखिला नहीं मिल सका।
तीसरे चरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की डेट 2 मई से 10 जून तक है। बीएसए आवेदन पत्रों का सत्यापन कर 11 से 13 जून तक उन्हें लाक करेंगे। साथ ही लॉटरी निकालने की डेट 15 जून और स्कूलों में प्रवेश की लास्ट डेट 30 जून है। बीएसए विजय प्रताप सिंह ने बताया कि सभी पात्र विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। जो स्कूल आरटीई के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं दे रहे हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।