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आदिवासियों काे आरक्षण: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ 1 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के पक्षकारों को नोटिस जारी किया

by Suyash

नई दिल्ली । छत्तीसगढ़ में आदिवासियों का आरक्षण बढ़ाने के मामले के राज्य सरकार के फैसले को निरस्त करने वाले छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले में हाई कोर्ट के पक्षकारों को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 1 दिसंबर को होगी।
छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हाई कोर्ट ने बिना तथ्यों की जांच किए ही आदेश जारी कर दिया। दरअसल, राज्य सरकार ने 2012 में आरक्षण कानून में बदलाव कर एससी के लिए आरक्षण घटाकर 16 फीसदी से 12 फीसदी कर दिया था जबकि एसटी का आरक्षण 20 फीसदी से बढ़ाकर 32 फीसदी कर दिया था। ओबीसी के लिए 14 फीसदी आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया गया था। आरक्षण कानून में बदलाव होने के बाद ये 58 फीसदी तक पहुंच गया था।
2012 में छत्तीसगढ़ की गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति एकेडमी और दूसरे याचिकाकर्ताओं ने राज्य सरकार के इस संशोधन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि राज्य सरकार ने आरक्षण की तय सीमा 50 फीसदी से ज्यादा का प्रावधान किया है। ऐसा कर संविधान की धारा 16(1) का उल्लंघन किया गया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के आरक्षण में बदलाव को निरस्त कर दिया था। हाई कोर्ट के इसी आदेश को छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।