रांची/नई दिल्ली। झारखंड के नये मुख्यमंत्री के रूप में शुक्रवार को चंपई सोरेन ने शपथ ली। उनके साथ आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने गुरुवार देर रात सरकार बनाने के लिए झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को आमंत्रित किया था।
बीती 31 जनवरी को झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसी दिन उन्होंने राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफा देने के साथ चंपई सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का दावा भी महागठबंधन की तरफ से पेश कर दिया था।
हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में ईडी की कार्रवाई के नाते सीएम पद छोड़ना पड़ा। वह अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम बनाना चाहते थे पर उनके विधायक नहीं होने के कारण इसमें अड़चन आ रही थी। फिलहाल दो दिन के उहापोह के बाद राज्यपाल द्वारा चंपई सोरेन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के बाद झारखंड में झामुमो के नेतृत्व वाले महागठबंधन की सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया। इसी के बाद चंपई सोरेन की सरकार गठित हो गई है।
चंपई सोरेन पहली बार सन 1991 में बने थे विधायक
अब विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। चंपई सोरेन सन 1991 में पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गये थे। उनको झारखंड का टाइगर भी कहा जाता है। अलग राज्य के आंदोलन में भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महागठबंधन की सरकार में झामुमो के साथी दल कांग्रेस आदि के कोटे से भी मंत्री बनाये जाएंगे।