नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि ‘उच्च शिक्षा तक पहुंच’ को बढ़ावा देने में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की सराहनीय भूमिका रही है।
राष्ट्रपति इग्नू के 36वें दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि आज डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले 2 लाख 80 हजार विद्यार्थियों में महिला छात्राओं की संख्या करीब 55 प्रतिशत है। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में आधे से अधिक छात्राएं हैं।
उन्होंने कहा, “उच्च शिक्षा तक पहुंच’ को बढ़ावा देने में इग्नू की सराहनीय भूमिका रही है। मुझे यह जानकर विशेष प्रसन्नता हुई है कि कुल विद्यार्थियों में से करीब 50 प्रतिशत विद्यार्थी ग्रामीण परिवेश से हैं तथा 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा की ज्योति से अंधकार में प्रकाश फैलता है। मुझे यह जानकर विशेष प्रसन्नता हो रही है कि हजारों जेल के कैदी भी इग्नू से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। यह शिक्षा जेल के कैदियों के पुनर्वास तथा कारावास से निकलने के बाद एक बेहतर जिंदगी शुरू करने में उनके लिए सहायक होगी। उन्होंने कहा कि बहुत से विद्यार्थियों को अपनी जिम्मेदारियों और परिस्थितियों की वजह से उच्च शिक्षा को जारी रखने में कठिनाई होती है। ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने में इग्नू जैसे संस्थान मदद कर रहे हैं। इस प्रकार दूरस्थ शिक्षा की व्यापक सामाजिक-आर्थिक उपयोगिता है।
इग्नू के कुलपति नागेश्वर राव ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है। वर्तमान में यहां 35 लाख छात्र अध्य्यनरत हैं। इसमें 40 अन्य देशों के विद्यार्थी भी शामिल हैं।