City Headlines

Home » प्रयागराज: उमेश हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसकी पत्नी, भाई और दो पुत्रों पर एफआईआर दर्ज

प्रयागराज: उमेश हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसकी पत्नी, भाई और दो पुत्रों पर एफआईआर दर्ज

अतीक अहमद के दो बेटों समेत सात लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस कर रही है पूछताछ

by City Headline
High Court, Chandigarh, Muktsar, Bar Association, Lawyer, Inhuman Tortures, Punjab Police, SP, Police Employees

प्रयागराज। राजू पाल हत्याकांड केस में मुख्य गवाह रहे उमेश पाल हत्या मामले में उनके घर के बाहर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है। उमेश पाल के शव का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए शव रवाना हो गया है। उमेश पाल की हत्या में अभी तक सात लोग हिरासत में लिए गए हैं। उमेश की पत्नी जया पाल ने थाना धूमनगंज में पूर्व सांसद अतीक अहमद, अतीक का भाई अशरफ, अतीक की पत्नी साहिस्ता परवीन, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, अतीक के दो पुत्र सहित अन्य सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने अतीक अहमद के दो बेटों समेत सात लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस सभी से हत्याकांड के बारे में पूछताछ कर रही है। माफिया अतीक अहमद के कट्टर विरोधी बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर जानलेवा हमला किया गया है। शुक्रवार की शाम उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग और बम चले हैं। वारदात में उमेश पाल की हत्या कर दी गई है, साथ ही उनकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। सभी को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उमेश पाल और एक गनर संदीप की मृत्यु हो गयी। दूसरे गनर राघवेंद्र की हालत गम्भीर बनी हुई है।
घटना के समय मौजूद ड्राइवर को खरोंच तक नहीं आई। जिससे ड्राइवर की भूमिका को लेकर पुलिस टीम गहनता से जांच कर रही है। पुलिस ने ड्राइवर प्रदीप शर्मा से देर रात पूछताछ किया। प्रदीप शर्मा की कॉल डिटेल सीडीआर भी निकलवाया जा रहा है। उमेश शुक्रवार को भी कोर्ट में अतीक गिरोह द्वारा खुद के अपहरण के मामले में गवाही देने गए हुए थे।
गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को शहर पश्चिमी से बसपा विधायक राजू पाल की धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेमसराय में दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उसी अंदाज में राजू पाल हत्याकांड के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल पर भी दिन दहाड़े गोलियों की बौछार कर मौत के घाट उतार दिया गया। बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप बाहुबली सांसद अतीक अहमद और उसके भाई विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ पर लगा था। राजू पाल के साथ संदीप यादव और देवीलाल भी मारे गए थे। राजू पाल के गनर समेत कई लोग घायल हुए थे। राजू पाल की पत्नी पूजा पाल ने इस मामले में तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, अशरफ, फरहान, आबिद, रंजीत पाल और गुफरान समेत नौ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसी मुकदमे के मुख्य गवाह राजू पाल के बाल सखा और रिश्तेदार उमेश पाल बने थे। इसी के साथ ही अतीक अहमद गिरोह और उमेश पाल के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। वे लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अतीक अहमद गिरोह का डटकर मुकाबला करते रहे। जब सीबीआई जांच शुरू हुई, तो भी उमेश ही मुख्य गवाह बने थे।
उमेश पाल वकालत करने के साथ साथ प्राॅपर्टी डीलिंग का भी काम करते थे। फरवरी 2022 में धूमनगंज में अतीक अहमद के कई गुर्गे असलहा लेकर पहुंच गए उमेश को धमकाया कि अतीक ने एक करोड़ मांगे हैं, अगर नहीं रुपये नहीं दिए तो जान से मरवा दिया जाएगा। अगर प्राॅपर्टी डीलिंग करनी है तो एक करोड़ देने पड़ेंगे। हालांकि घटना फरवरी की है, लेकिन पुलिस ने इसे अगस्त महीने में दर्ज किया था।
उमेश पाल का 28 फरवरी 2008 को अतीक अहमद गिरोह ने अपहरण कर लिया। उमेश को किसी अज्ञात जगह ले जाकर पीटा गया, धमकाया गया कि अगर राजू पाल हत्याकांड में गवाही दी तो जान से मार दिया जाएगा। इसके बाद उमेश बहुत डर गए थे, लेकिन हार नहीं मानी। उमेश ने माफिया अतीक अहमद, अशरफ समेत गिरोह के कई गुर्गों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी। उमेश पाल अपहरण के मामले में 11 जुलाई 2016 में गवाही देने के लिए कचहरी पहुंचे थे। कचहरी में ही उमेश पर हमला कर दिया गया। उन पर गोलियां चलाई गईं। संयोग से उमेश बच गए थे। उमेश ने अतीक, अशरफ, हमजा समेत गिरोह के अन्य शातिरों के खिलाफ हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जब हमले के बाद भी उमेश नहीं माने तो 14 जुलाई 2016 में धूमनगंज के जितेंद्र पटेल की हत्या में उमेश को नामजद करा दिया। उमेश और घरवाले भौंचक्के रह गए। उमेश को फरार होना पड़ा, लेकिन जांच में सब साफ हो गया। जितेंद्र की हत्या में उमेश को बाइज्जत बरी कर दिया गया था।

Subscribe News Letter

Copyright © 2022 City Headlines.  All rights reserved.