नई दिल्ली । उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बार फिर दोहराया कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए ताकि इससे आम लोगों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि जीएसटी जब लागू हुआ था, तब से वह केंद्र सरकार से यह मांग कर रहे हैं , लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी गईं। आज एक बार फिर जब केंद्र सरकार इस संबंध में बात कर रही है तो दिल्ली सरकार पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन करती है।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी लागू होने के बाद भी पेट्रोल- डीजल, शराब आदि पर बतौर टैक्स वैट की दरें लागू हैं। सरकारें मानती हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी जीएसटी के दायरे में लाने से राजस्व वसूली पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसी लिए अधिकांश राज्य सरकारें पेट्रोल- डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं। एक अनुमान के अनुसार डीजल को अगर अधिकतम दर के साथ जीएसटी के दायरे लाया जाता है तो इसके मूल्य में 20 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आ जाएगी।