इस्लामाबाद । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के हालिया फैसले से पाकिस्तान की सरकार घबराई हुई है। साथ ही बेलआउट पैकेज न मिलने से पूरी तरह हिल गई है। पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट पर बुधवार की सुबह प्रकाशित रिपोर्ट में कुछ ऐसा ही नतीजा निकाला गया है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ से महत्वपूर्ण फंडिंग को रिलीज़ कराने के लिए सरकार संघर्ष कर रही है। वह इस संघर्ष में अपने को बहुत मजबूत दिखाने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह काफी घबराई हुई है।
उल्लेखनीय है कि जब किसी देश का आर्थिक ढांचा चरमराने लगता है और वह दिवालियेपन की कगार पर पहुंचने लगता है तो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष उस देश को बेलआउट पैकेज (धनराशि) जारी करता है। इस पैकेज के तहत जारी राशि आर्थिक हालातों को सुधारने पर खर्च की जाती है।
डॉन के मुताबिक पाकिस्तान के अफसर मौजूद आर्थिक परिदृश्य से निराश हैं। वह आईएमएफ के रवैये को ‘दुर्व्यवहार’ की संज्ञा दे रहे हैं। एक असंतुष्ट वरिष्ठ अधिकारी ने तो यहां तक कहा है कि हम आईएमएफ के सदस्य हैं, भिखारी नहीं हैं। एक अन्य अधिकारी ने स्थिति की तुलना 1998 से भी की है। यह वह दौर है जब परमाणु परीक्षणों के मद्देनजर पाकिस्तान की आर्थिक मुश्किल बढ़ गई थी।