लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की राजनीतिक जमीन पर समाजवादी पार्टी अपने अनुभवी नेताओं को उतारने की तैयारी कर ली है। लोकसभा चुनाव में सपा अपने पुराने नेताओं को उन सभी जिलों में समीकरण बनाने उतारेगी, जहां पर भी ओमप्रकाश राजभर की राजनीतिक पकड़ है।
राजभर समाज में एक बड़े नेता के रूप में ओमप्रकाश राजभर की पहचान है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) को ओमप्रकाश ने 14 जनपदों में राजनीतिक पहचान दिलायी। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का साथ छोड़कर पाला बदल कर सपा के साथ गये ओमप्रकाश की वापसी हो गयी है। जब तक ओमप्रकाश राजभर सपा के साथ में थे, तो उनके हाथ में 14 जनपदों की लोकसभा सीटों पर सपा गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने का फार्मूला था।
ओमप्रकाश राजभर के पाला बदलने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके विश्वसनीय नेताओं के बीच राजभर की पकड़ वाली सीटों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए व्यूह रचना कर रहे हैं। इसमें सपा के मुख्य धारा से जुड़े नेताओं को समूह में उन सीटों पर भेजा जायेगा, जहां सीधे तौर पर राजभर समाज की एकजुटता है।
सत्ता में हिस्सेदारी चाहता है राजभर समाज
सुभासपा अध्यक्ष राजभर ने एक बयान में कहा था कि राजभर समाज सत्ता में हिस्सेदारी चाहता है। सत्ता में रहने पर ही समाज का भला होगा। समाज का हर व्यक्ति सरकार की योजनाओं का लाभ ले सकेगा। राजभर अपने इस बयान को अक्सर ही राजभर समाज की सभाओं में कहते रहे है। इन दिनों उनके पुराने बयान सभाओं में सुनायी दे रहे हैं।
मऊ में कुछ नेताओं ने राजभर पर साधा निशाना
भाजपा के साथ गठबंधन में राजभर ने गाजीपुर और मऊ सीटों की मांग रखी थी। मऊ की घोसी लोकसभा सीट पर राजभर के पकड़ के दावे उस समय कम दिखायी पड़े, जब बीते रविवार को राजभर समाज के कुछ नेताओं ने ओमप्रकाश को श्रद्धांजलि दे डाली। राजभर समाज के नेताओं ने यही नहीं किया, तेरहवीं का कार्यक्रम भी कर डाला। ये अलग प्रकार का विरोध कार्यक्रम था, जो सुर्खियों में बन गया है।