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सुप्रीम कोर्ट का आदेश अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए सेबी और समय नहीं मिलेगा

by Suyash
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वो सेबी को अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच पूरी करने के लिए अनिश्चितकाल नहीं दे सकती है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वो सेबी को और छह महीने का समय नहीं दे सकती है। कोर्ट मामले पर 15 मई को दोबारा सुनवाई करेगा।
सुनवाई के दौरान सेबी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले में किसी भी परिणाम पर पहुंचने तक के लिए कम से कम छह महीने का समय चाहिए होगा। सेबी को 12 संदेहास्पद लेन-देन मिले हैं, जिनकी जांच में काफी समय लगेगा। याचिकाकर्ता में से एक के वकील प्रशांत भूषण ने सेबी को समय दिए जाने पर कहा कि कुछ ट्रांजेक्शन हैं, जिनकी सेबी 2016 से जांच कर रही हैं। सेबी एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग आईओएससीओ का भागीदार है। सभी देश यहां तक कि टैक्स हेवन देश भी इसके सदस्य हैं। आईओएससीओ की संधि कहती है कि कोई भी सदस्य देश कोई भी जानकारी मांग सकता है और कोई गोपनीयता नहीं है। ये कोई सूचना मांग सकते थे। सरकार के अनुसार वो 2017 से जांच कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एक याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि आप इस मसले पर यहां कुछ भी न कहें क्योंकि उसका असर शेयर मार्केट पर पड़ता है। हमने हितधारकों के लिए एक कमेटी बनाई थी। उसकी रिपोर्ट आ गई है। पहले हम उसकी रिपोर्ट देखेंगे। हमने सेबी को पहले ही दो महीने का समय दिया हुआ है। ऐसे में छह महीने का और समय नही देंगे। तीन महीने में सेबी को जांच पूरी कर रिपोर्ट देनी होगी। कुछ भी सीलबंद दाखिल नहीं हुआ है। इस पर प्रशांत भूषण ने कहा इसको सार्वजनिक करना चाहिए।
सेबी ने अर्जी दाखिल कर छह महीने का और समय मांगा है। सेबी ने कहा कि कई जटिल पहलुओं की जांच होनी है। अमेरिका में ऐसी जांच 9 महीने से लेकर 5 साल तक चलती है। दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेषज्ञ कमेटी बनाकर 2 महीने में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था। सेबी को भी जांच जारी रखने कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया था कि वो अडानी-हिंडनबर्ग मामले में जांच जारी रखे और ये पड़ताल करे कि सेबी रूल्स की धारा 19 का उल्लंघन हुआ है कि नहीं। कोर्ट ने सेबी से कहा था कि वो ये जांच करे कि स्टॉक की कीमतों में गड़बड़ी की गई है कि नहीं।
कोर्ट ने कहा था कि विशेषज्ञ कमेटी सेबी का जांच का काम नहीं करेगी बल्कि कमेटी वर्तमान रेगुलेटरी ढांचे की पड़ताल करेगी और निवेशकों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अनुशंसाएं करेगी। कमेटी स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव की वर्तमान स्थिति का विस्तृत आकलन कर उनके कारणों की पड़ताल करेगी। कमेटी निवेशकों की जागरुकता के उपायों पर गौर करेगी। कोर्ट ने कहा था कि कमेटी अडानी समूह और दूसरे समूहों की ओर से किए गए कथित उल्लंघनों की जांच करेगी। कोर्ट ने सेबी को निर्देश दिया था कि वो विशेषज्ञ कमेटी को सभी सूचनाएं उपलब्ध कराएं और सभी जांच एजेंसियों को भी निर्देश दिया था कि वे कमेटी का पूर्ण सहयोग करें।