Noida Nithari Update -नोएडा निठारी कांड, में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए थे। गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दोनों आरोपियों की फांसी की सजा को रद्द कर दिया है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है नोएडा निठारी कांड जिसने सभी के दिलों को झकझोर कर रख दिया था, आपको बातएंगे कैसे और क्यों कुछ नन्हे मासूमों की रूह इंसाफ की खोज में आज तक निठारी में भटक रही है ?
क्या था मामला?
17 साल पहले साल 2006 में नोएडा के निठारी गांव में एक ऐसी वारदात हुई जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. जिसकी वजह से नोएडा का छोटा सा गांव निठारी देशभर में पहचाना जाने लगा. निठारी में हत्याओं का मामला तब संज्ञान में आया जब नोएडा के सेक्टर 31 की कोठी नंबर D-5 के बगल वाले नाले से नरकंकाल मिलने शुरू हुए, आपको बता दें यह कोठी मोनिंदर सिंह पंढेर की थी जहाँ वह अपने नौकर सुरेंद्र कोली के साथ रहता था. कोली पर आरोप था की वो बच्चियों को ला कर उनका रेप करने के बाद हत्या कर लाश के टुकड़े बहार फेंक देता था. मामले का खुलासा पायल नाम की लड़की की हत्या की जांच से हुआ. पहले पंढेर और कोली पर 31 बच्चों की निर्मम हत्या के आरोप लगे थे लेकिन जांच में 19 लोगों की हत्या,यौन शोषण और सबूत मिटाने की बात सामने आई. जिसमे बच्चे और एक महिला शामिल थी. नाले से पुलिस को 19 नरकंकाल मिले और 40 पैकेट मिले जिनमें मानव अंगों को भरकर नाले में फेंका गया था. इसके साथ ही दोनों पर नरभक्षी होने का भी आरोप लगाया गया था. जिसे की 2006 में आरोपियों ने खुद कबूला था.
निठारी कांड के आरोपियों के बरी होने के आदेश पर सभी का गुस्सा फूट रहा है, 17 साल बीत जाने के बाद भी इस केस की हालत पहले दिन जैसी है और उन सभी परिवारों का दर्द वैसा ही जैसा पहली बार उनके बच्चे के लापता होने पर था. और आज भी सभी परिवार वाले न्याय की उम्मीद लगाए इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं.
हमारे देश में इंसाफ का पहिया जितना धीमा है यह देख कर इंसाफ मिलने की गरंटी है भी या नहीं यह बता पाना बहुत आसान है..