नई दिल्ली। भारत मडंपम में पहले ‘राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार’ देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उस समय असहज हो उठे जब सर्वश्रेष्ठ कहानीकार के तौर पर पुरस्कृत कीर्तिका गोविंदासामी प्रधानमंत्री के पैर छूने के लिए बढ़ीं। कीर्तिका जैसे ही पैर छूने के लिए झुकीं, प्रधानमंत्री दो कदम पीछे हो गए। उनके मुंह से दाे शब्द निकले, ‘ओहो बाबा पैर मत छुओ’। यही नहीं प्रधानमंत्री ने दो बार झुककर कीर्तिका का अभिवादन किया।
कीर्तिका गोविंदासामी को पुरस्कार देते हुए दो लाइन का संबोधन भी किया। इस दौरान प्रधानमंत्री का गला भर आया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कला जगत में पर छूना सम्मान की बात हो सकती है लेकिन राजनीति में पता नहीं है, यह कैसी परंपरा बन गई है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मैं पैर छूने से आकुल और अशांत हो जाता हूं। उस समय जब कोई बेटी पैर छुए तो मैं डिस्टर्ब हो जाता हूं।
इसी तरह की घटना एक साल पहले 13 मार्च को कर्नाटक में हुई थी। जब एक महिला कार्यकर्ता ने मंच पर प्रधानमंत्री पैर छू लिए, उसी समय प्रधानमंत्री ने खुद उनके पैर छूकर सभी को चौंका दिया।
24 जून 2023 को अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने भारत का राष्ट्रगान गाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैर छुए थे। मैरी मिलबेन को पैर छूते देख प्रधानमंत्री ने उन्हें ऐसा करने से रोका और उनसे गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मैरी मिलबेन को भारतीय अंदाज में दोनों हाथ जोड़कर अभिवादन किया।
महिला हीं नहीं पुरुष द्वारा पैर छूने की घटना के बाद प्रधानमंत्री असहज हो चुके हैं। दो साल पहले प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे, तभी एक कार्यकर्ता मंच पर चढ़कर उनके पैर छू लिए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अभिवादन के प्रतिस्वरूप खुद दंडवत होकर अभिवादन किया और फिर कार्यकर्ता को कंधे से पकड़कर उठाया।
पहले पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे भी भावविभोर होकर प्रधानमंत्री के पैर छूते नजर आए थे। प्रधानमंत्री उन्होंने तुरंत बाजू में थाम लिया और गले लगा लिया।