City Headlines

Home Ayodhya नेपाल राष्ट्र से आएगा रामलला के लिए दिव्य धनुष, रखा जाएगा राम दरबार में

नेपाल राष्ट्र से आएगा रामलला के लिए दिव्य धनुष, रखा जाएगा राम दरबार में

by City Headline
Nepal, Ramlala, Divine Dhanush, Ram Darbar, Ashtadhatu, Dhanush, Ayodhya, India, Ayodhya, Janakpur, Tretrayug

अयोध्या। भारत की अयोध्या व नेपाल के जनकपुर का संबंध त्रेत्रायुग से है। अयोध्या के राजा राम का विवाह महाराजा जनक की पुत्री सीता के साथ हुआ था। तब से लेकर आज तक जनकपुर व अयोध्या का संबंध जीवंत है। इस कड़ी में नेपाल में प्रभु श्रीराम के लिए धनुष निर्मित हो रहा है। इस धनुष को अयोध्या में रखा जाएगा।

नेपाल के भक्तपुर में शिल्पकार अष्टधातु से भगवान राम का दिव्य धनुष बना रहे हैं। यह धनुष देखने में सुंदर व अलौकिक होगा। यह धनुष 20 वर्ष की आयु में राम का धनुष कैसा रहा होगा यह कल्पना कर बनाया जा रहा है। यह धनुष एक वर्ष बाद अयोध्या आयेगा। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल के गर्भगृह पर जहां राम दरबार स्थापित होगा, वहीं पर इस धनुष को रखा जायेगा। यह धनुष देखने में विशाल होगा लेकिन दो लोग इसे उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर रख सकते हैं।

इस धनुष की अनुमति श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र और भारत सरकार की ओर से नेपाल सरकार को मिल चुकी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले धनुष सोने का बनाने की बात हुई थी लेकिन रामायण में उल्लेख मिला कि त्रेतायुग मेें अष्टधातु से निर्मित धनुष अच्छे माने जाते थे। इसलिए शिल्पकारों ने अष्टधातु का धनुष बनाने का निश्चय किया है। राम मंदिर का प्रथम तल जब बनकर तैयार हो जायेगा तो इस धनुष को नेपाल से भारत लाया जायेगा। अभी हाल ही मेें जनकपुर के प्रत्येक घर से राम के लिए उपहार भेजा गया है।
सर्वश्रेेष्ठ धनुर्धर थे राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राजा राम सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर थे। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि शस्त्रधारियों में मैं श्रीराम हूं। राम हमेशा अपने साथ धनुष-बाण रखते थे। राम ने राक्षसों का विनाश धनुष बाण की सहायता से ही किया था। राम के धनुष का नाम कोदण्ड था। इस धनुष को श्री राम हमेशा अपने साथ रखते थे। यह एक चमत्कारिक धनुष था। यह अभिमंत्रित किया हुआ धनुष था। राम द्वारा छोड़ा गया बाण लक्ष्य भेदकर ही वापस आता था।