नई दिल्ली मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को एक बड़ा दांव खेला। उनकी पार्टी एनसीपी पर काबिज होने के लिए अंदरखाने सियासी दांव खेल रहे नेताओं को झटका देते हुए उन्होंने प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया।
मई महीने में महाराष्ट्र की सियासत में उस समय खलबली मच गई थी, जब शरद पवार ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान करते हुए अध्यक्ष पद छोड़ने की बात कही थी। एक कार्यक्रम में पवार की इस घोषणा के बाद एनसीपी के अधिकांश नेता और कार्यकर्ता भावुक अपील करते हुए सड़कों पर उतर आए। पवार को मामला सुलझाने के लिए वरिष्ठ नेताओं की कमेटी बनानी पड़ी। बाद में कमेटी की सिफारिश के आधार पर पवार ने अध्यक्ष पद पुनः संभालने की बात कही और फिर एनसीपी में इस मुद्दे को लेकर उठा तूफान शांत हो गया।
दरअसल, पवार के भतीजे अजीत पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के करीब जाते दिख रहे थे। शिंदे गुट के 16 विधायकों की सदस्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के कारण इस पर होने वाले फैसले के मद्देनजर इस सियासी हलचल को बल मिल रहा था। पवार की सियासी चाल ने तब पूरी पार्टी को उनके पीछे खड़ा दिया और अजीत पवार खेमा बेबस सा इसे देखता रह गया। अब उन्होंने अपनी बेटी सुप्रिया सुले तथा वरिष्ठ नेता और अपने भरोसेमंद साथी प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष घोषित करके अपनी सियासी विरासत को लेकर उठने वाले सवालों का भी जवाब दे दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अजीत पवार का खेमा इस पर कैसे और किस तरह से अपनी प्रतिक्रिया देता है।