City Headlines

Home » बिहार : कुख्यात अशोक महतो ने रचाई शादी, पत्नी को लड़ाएंगे मुंगेर से लोकसभा चुनाव

बिहार : कुख्यात अशोक महतो ने रचाई शादी, पत्नी को लड़ाएंगे मुंगेर से लोकसभा चुनाव

जेल ब्रेक सहित 200 लोगों से अधिक की हत्या के मामले में रहे हैं आरोपी

by City Headline
Nawada, Bihar, Warsaliganj, jail break case, murder, life imprisonment, Ashok Mahato, marriage, Pintu Mahato, Akhilesh Singh, Aruna Devi

नवादा। बिहार में नवादा जिले के वारसलीगंज थाने के सहसराना गांव के निवासी जेल ब्रेक कांड सहित 200 से अधिक लोगों की हत्या के आरोपी और आजीवन कारावास की सजा भगत चुके अशोक महतो ने बुधवार की सुबह शादी रचा ली अशोक महतो अपनी पत्नी को राजद से मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहते हैं।

अशोक महतो का कहना है कि जब वे राजद से टिकट के लिए लालू प्रसाद के पास गए तो उन्होंने कहा कि शादी कर लो फिर अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा दो। एक सप्ताह के भीतर अशोक महतो ने लड़की खोजने का प्रयास किया आखिरकार उन्हें दिल्ली की अनिता कुमारी नाम की लड़की मिल गई, जिससे उन्होंने पटना जिले के बख्तियारपुर के करौता मंदिर में शादी रचा ली।

उनका गिरोह बिहार में सक्रिय एक अपराधी संगठन था। जिसका नेतृत्व अशोक महतो के द्वारा किया जाता था। इसमें सहायक के रूप में उनके मित्र पिंटू महतो भी शामिल थे। 2005 में लोकसभा सदस्य राजो सिंह की हत्या के लिए अशोक महतो गिरोह ही जिम्मेदार माना जाता है।

इस हत्याकांड के उपरांत इस गिरोह के प्रमुख सदस्य अशोक महतो को गिरफ्तार कर लिया गया था। परन्तु 2002 में वे नवादा जेल से तीन सिपाहियों की हत्या कर भागने में कामयाब रहे। उनके सहयोगी पिंटू महतो ने जेल से उन्हें भगाने में विशेष भूमिका निभाई थी। इस गिरोह के सक्रिय सदस्यों के बारे में कहा जाता है कि वे या तो कुर्मी या फिर यादव जाति के थे और उन्हें नवादा और शेखपुरा के क्षेत्रों में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था।

अशोक महतो गिरोह का मुख्य आक्रोश शोषक और उच्च जाति भूमिहारों के खिलाफ था और उन्हीं के खिलाफ उसने प्रतिशोध की लड़ाई भी छेड़ी थी। अशोक महतो गिरोह 1990 के दशक के अंत में बड़ी संख्या में अगड़ी जाति के लोगों की हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार घोषित किया गया था।
अशोक महतो और अखिलेश सिंह के मध्य संघर्ष
महतो गिरोह के नेतृत्वकर्ता अशोक महतो और विधानसभा सदस्य अरुणा देवी के पति अखिलेश सिंह के मध्य की प्रतिद्वंद्विता ने बिहार के नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिलों के 100 से अधिक गांवों को प्रभावित कर रखा था। 1998 से 2006 के बीच नवादा जिले में इस प्रतिद्वंद्विता एवं भूमिहारों और यादवों के साथ कुर्मी के बीच के जातिगत संघर्ष के कारण 200 से अधिक लोगों की जान जाने की घटना सामने आई थी।

इन दोनों समूहों के बीच का संघर्ष उपरोक्त जिलों में पत्थर तोड़ने और बालू उठाने की व्यवस्था पर सत्ता तय करने के लिए था। यह माना जाता है कि अखिलेश सिंह गिरोह द्वारा कथित तौर पर मारे गए सात मजदूरों की मौत के प्रतिशोध में 2000 में इस गिरोह ने अखिलेश सिंह का पैतृक घर अपसढ़ में उनके यहां हमला कर वहां 11 लोगों को मार डाला।

अशोक महतो और अखिलेश सिंह की यह प्रतिद्वंद्विता धीरे-धीरे वर्चस्व स्थापित करने के लिए बन गई और इन दोनों गिरोहों के समर्थन में जातियों का एक संगठन भी सक्रिय हो गया था। जेल ब्रेक कांड में सिपाहियों के मारे जाने के मामले में अशोक महतो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। लंबे अरसे के बाद वह जेल से निकले हैं। जिसके बाद शादी कर पत्नी को चुनाव लड़ने की तैयारी में जुट गए हैं।

Subscribe News Letter

Copyright © 2022 City Headlines.  All rights reserved.