इस नवरात्र में माता के महा गौरी रूप की पूजा सोमवार को अष्टमी तिथि में की जाएगी।
अष्टमी कब है — अष्टमी की माँ गौरी का पूजन 03 अक्टूबर सोमवार को किया जायेगा। शक्ति ज्योतिष केन्द्र लखनऊ के अनुसार 02 अक्टूबर , रविवार को शाम के 06:22 से अष्टमी तिथि आरम्भ हो जाएगी और 03 अक्टूबर सोमवार को सायं 04:00 बजे तक अष्टमी रहेगी।
पूजन का शुभ मुहूर्त — सोमवार को प्रातः 05:30 से 06:30 तक या अभिजित मुहूर्त में पूजन करें। अष्टमी को अभिजित मुहूर्त 11ः30 से 12ः22 बजे तक रहेगा।
यह अष्टमी विशेष फलदायी है, क्योंकि इसमें दो योग क्रमशः रवि योग एवम् शोभन योग मिल रहे हैं। अष्टमी के दिन ही माता पार्वती अपनी तपस्या पूर्ण करके गौरांगी हुयी थीं। इस दिन की पूजा से माता चिन्मया, अन्नपूर्णा की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
नवमी कब है — मंगलवार को नवमी होगी। पण्डित शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि 03 अक्टूबर सोमवार को शाम के 04:00 बजे से नवमी तिथि का आरम्भ होगा और मंगलवार 04 अक्टूबर को दोपहर 01:32 तक नवमी रहेगी।
कन्या कब खिलायें — प्रथम दिवस और अष्टमी का व्रत रखने वाले भक्त सोमवार 03 अक्टूबर को व्रत रहेंगे। उसी दिन कन्या खिलायें। मंगलवार को दोपहर से पहले पारण कर लें।
पूरे 09 दिन के व्रती गण 04 अक्टूबर मंगलवार को दिन के 01:32 से पहले कन्या खिलायें, नवमी का पूजन करें। बुधवार 05 अक्टूबर को पारण करें।
विसर्जन — बुधवार 05 अक्टूबर को श्रवण नक्षत्र में सूर्यास्त से पहले माता का विसर्जन होगा।