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Narak Chaturdashi 2024: छोटी दिवाली कब है? नरक चतुर्दशी की रात क्यों जलाया जाता है यम का दीपक?

by Mansi

नरक चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है, जो दिवाली से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से भगवान यमराज, जो मृत्यु के देवता हैं, और राक्षस नरकासुर से जुड़ा हुआ है। पौराणिक कथा के अनुसार, नरकासुर नामक राक्षस ने बहुत उत्पात मचाया था, जिसे भगवान कृष्ण, देवी काली और सत्यभामा ने मिलकर पराजित किया और मारा था। इस घटना को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखा जाता है, और इसी कारण से नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है।

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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह त्यौहार कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आता है, जो दिवाली के पांच दिनों के उत्सव का दूसरा दिन होता है। इस दिन को देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है, जैसे काली चौदस, रूप चौदस, भूत चतुर्दशी और नरक निवारण चतुर्दशी। इस दिन का मुख्य उद्देश्य जीवन से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करना है, और एक नई सकारात्मक शुरुआत की ओर अग्रसर होना है।
नरक चतुर्दशी के दिन सुबह जल्दी उठकर तेल से स्नान करने की परंपरा है, जिसे “अभ्यंग स्नान” कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने भी नरकासुर का वध करने के बाद तेल से स्नान किया था। इसलिए, इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। यह अनुष्ठान शरीर से नकारात्मकता और आलस्य को दूर करने और मानसिक और शारीरिक शुद्धिकरण का प्रतीक है।
2024 में नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में इसे दीपावली भोगी भी कहा जाता है और वहां यह दिवाली के साथ ही मनाई जाती है, जबकि भारत के अन्य हिस्सों में इसे दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है।