मुंबई। कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यमंत्री बाबा सिद्दीकी ने गुरुवार को सुबह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सिद्दीकी के अजीत पवार की राकांपा में शामिल हो सकने की अटकलें लग रही हैं। हालांकि सिद्दीकी के विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी ने अभी तक कांग्रेस छोडऩे का निर्णय नहीं लिया है। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले कद्दावर नेता मिलिंद देवरा और अब बाबा सिद्दीकी के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को करारा झटका लगा है।
बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस छोडऩे की जानकारी का ट्विट करते हुए कहा कि ‘मैं अपनी युवावस्था में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया था। यह लगभग 48 वर्षों की लंबी और महत्वपूर्ण यात्रा थी लेकिन आज मैंने तुरंत कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है। मैं बहुत कुछ व्यक्त करना चाहता हूं लेकिन कुछ चीजें चुप रहने में ही बेहतर होती हैं। मैं मेरी यात्रा में सहयोग करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं।”
बाबा सिद्दीकी बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक हैं। वह पहली बार वर्ष 1999 में विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2004 और वर्ष 2009 में जीत हासिल की। वह वर्ष 2004 से 2008 तक राज्य मंत्री रहे। विधायक बनने से पहले वह दो बार पार्षद रहे थे। वह पहली बार वर्ष 1992 में मुंबई नगर निगम के लिए चुने गए। वर्ष 1997 में उन्होंने नगर निगम चुनाव भी जीता था।
मुरली देवरा के बेटे मिलिंद देवरा ने भी हाल ही में कांग्रेस छोडक़र मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में प्रवेश लिया था। उसी समय बाबा सिद्दीकी के विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी और विधायक अमीन शेख के पार्टी छोडऩे की जोरदार चर्चा की जा रही थी। उस समय इन दोनों ने कहा था कि वे कांग्रेस पार्टी में ही रहेंगे लेकिन कुछ दिनों पहले जीशान सिद्दीकी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से मिले थे। इस मुलाकात को जीशान सिद्दीकी ने विधानसभा क्षेत्र के काम को लेकर हुई बैठक बताया था, लेकिन बताया जा रहा है कि जीशान सिद्दीकी ने ही अजीत पवार से मिलकर राकांपा में जगह बनाई है। संभावना है कि बहुत जल्द बाबा सिद्दीकी और जीशान सिद्दीकी राकांपा में शामिल हो सकते हैं।
बताया जा रहा है कि राकांपा के मुस्लिम चेहरा नवाब मलिक की ईडी की गिरफ्तारी के बाद राकांपा में मुस्लिम चेहरा की तलाश जारी है। इस तलाश को बाबा सिद्दीकी के माध्यम से पूरा किए जाने की मंशा अजीत पवार की है। इसी वजह से संभावना जताई जा रही है कि निकट भविष्य में बाबा सिद्दीकी राकांपा में शामिल हो सकते हैं।