मध्यप्रदेश में स्थानीय चुनावों में OBC आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दी है। मध्यप्रदेश चुनाव आयोग को एक सप्ताह में स्थानीय निकाय चुनाव की सूचना देने का निर्देश दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात करते हुए कगहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है…सत्यमेव जयते। यह फिर से सिद्ध हो गया कि सत्य पराजित नहीं हो सकता, मैं SC को धन्यवाद देता हूं।
हमने कहा था हम चुनाव चाहते हैं लेकिन OBC आरक्षण के साथ, अब पूरे आनंद के साथ ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव संपन्न होगा। अब हम लोग चुनाव के मैदान में जा रहे हैं। कांग्रेस ने पाप किया था और SC गई थी जिसके कारण पहले यह निर्देश दिया गया था कि OBC आरक्षण के बिना चुनाव होंगे लेकिन हमने हरसंभव प्रयास किया, कोई कसर नहीं छोड़ी। ट्रिपल टेस्ट के लिए, हमने ओबीसी आयोग का गठन किया।
ओबीसी आयोग ने पूरे प्रदेश का दौरा किया, गांव-गांव घूम आए, व्यापक सर्वे किया और उन तथ्यों के आधार पर जो रिपोर्ट बनाई, हमने वो रिपोर्ट माननीय सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की। सर्वोच्च न्यायालय ने निकाय वार रिपोर्ट मांगी, हमने निकाय वार भी रिपोर्ट तैयार की और वह रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत की। सीएम चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग खुशियां मनाते रहे कि अब ओबीसी आरक्षण नहीं होगा। भाजपा को कटघरे में खड़ा करने का मौका मिलेगा।
सर्वोच्च न्यायालय गए तो कांग्रेसियों ने कहा कि नहीं-नहीं, अब वह नहीं हो सकता है। आरक्षण की चिंता नहीं थी, भाजपा को कटघरे में खड़ा कर दिया। संतोष की बात है कि सर्वोच्च न्यायालय ने ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराने का फैसला दिया है। हम फैसले का स्वागत करते हैं। कांग्रेस और कमलनाथ हमेशा षड्यंत्र ही करते रहे, कभी भी उनकी नीयत ओबीसी को न्याय देने की नहीं थी।
इसी के साथ ही उन्होंने कहा कि मैं आज पूछ रहा हूं कमलनाथ क्यों आपके एडवोकेट जनरल ओबीसी के लिए 27% आरक्षण की बात थी तो कोर्ट में खड़े नहीं हुए? कमलनाथ अब ओबीसी बहुत समझदार है, आपने जो पाप किया है वह सबको मालूम पड़ चुका है।