मध्यप्रदेश राजगढ़ जिले के पिपलिया कला गांव में दलित युवक की शादी कराने पहुंची पुलिस पर दबंगों ने पथराव कर दिया है। इस हमले में पुलिस की गाड़ी का कांच फूट गया और शाही समारोह के लिए लगे टेन्ट-तंबू उखाड़ दिए गए। पुलिस ने अपने बचाव में बल प्रयोग करते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े। जैसे-तैसे असामाजिक तत्वों को वहां से तितर-बितर किया है। फिर आसपास के थानों का गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया।
पाटन खुर्द गांव से दलित युवक राहुल मेघवाल की बारात पिपलिया कला गांव के 4 किलोमीटर पहले ही पुलिस ने रुकवा दी थी। उन्होंने कहा कि आप रुक जाइए! अभी खतरा है. पूरी घटना की जानकारी लगते ही देर रात कलेक्टर-एसपी ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया। इसके बाद बारात को पुलिस के साए में लाया गया। खिलचीपुर एसडीओपी आनंद राय दूल्हे और उसके पिता को गाड़ी में बैठाकर अपने साथ पिपलिया कला गांव ले गए। पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में दुल्हन के घर से 50 मीटर पहले ही दूल्हे को घोड़ी पर बिठाकर बारात निकाली गई और शादी कराई गई।
मेघवाल समाज प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक वर्मा ने बताया कि हमें सूचना मिली हमारी बारात को रोका जाएगा। हमने एसडीओ साहब को आवेदन देकर बताया कि हमारे साथ घटना घट सकती है। आज हम बरात लेकर आए। पुलिस-प्रशासन ने 3 किलोमीटर पहले हमें रोक दिया है। असामाजिक तत्वों ने पुलिस के ऊपर पथराव किया है। 2 घंटे तक कड़ी मशक्कत के बाद प्रशासन ने गांववालों को समझाइश दी। फिर बारातियों को बुलाया गया। हमें एक किलोमीटर का बारात निकलनी थी, लेकिन दुल्हन के घर से 50 मीटर पहले ही दूल्हे को घोड़ी पर बिठाया गया। पूरी बारात भी नहीं आ पाई।
दूल्हा राहुल मेघवाल ने बताया कि पूरे मार्केट से बारात गुजरनी थी। लेकिन हमको लाकर दुल्हन के घर के बाहर ही खड़ा कर दिया। 250 बाराती शामिल थे यहां 150 बाराती ही आए और 100 वापस लौट गए। पुलिसवालों ने पहले ही सूचना देते हुए कहा था कि आप रुक जाइए, कुछ भी दुर्घटना हो सकती है। हम रुक गए और 3 किलोमीटर पहले फिर हमने डेढ़ घंटे तक इंतजार भी किया।