मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में वी.सी. के माध्यम से सहभागिता की। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती केवल कर्मकाण्ड नहीं है, धरती को बचाने का अभियान है। नदियों को बचाने और इंसान की जिंदगी बचाने का भी अभियान है। यह धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है, यह पशु-पक्ष्री और जीव-जंतुओं एवं कीट-पतंगों के लिए भी है।
रासायनिक खेती और केमिकल फर्टिलाइजर्स ने अनेक जीव-जंतु और कीट मित्रों को भी समाप्त कर दिया है। धरती का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है। फसलों में उपयोग किये जो रहे कीटनाशकों से केवल कीट नहीं मरते हैं, बल्कि अन्न और सब्जियों के साथ मनुष्य के शरीर में जाकर ये मनुष्य को भी बीमार करते हैं। पंजाब में जमीन की उर्वरा शक्ति समाप्त हो रही है। मानव स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता कि उन्होंने धरती बचाने का अभियान चलाया है।
इस धरती को आने वाली पीढ़ियों के रहने लायक रहने देना है, तो हमें अभी से रासायनिक खेती की बजाय धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना होगा। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन भी कम नहीं होता है। प्राकृतिक खेती से उत्पन्न गेहूं, धन, फल, सब्जियां पूरी तरह से दोष रहित और पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती हैं।