ब्रसेल्स । उत्तर अटलांटिक सहयोग संगठन (नाटो) से जुड़े देशों ने अगले वर्ष की शुरुआत में रूसी सीमा के पास बड़ा युद्धाभ्यास करने का फैसला किया है। इस युद्धाभ्यास ‘स्टीडफास्ट डिफेंडर’ को शीत युद्ध के बाद सबसे बड़ा अभ्यास बताया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक अगले वर्ष फरवरी से मार्च के बीच प्रस्तावित यह युद्धाभ्यास रूसी सीमा के पास किया जाएगा। जर्मनी, पोलैंड व बाल्टिक सागर में प्रस्तावित युद्धाभ्यास में नाटो देशों के 41 हजार से अधिक सैनिक भाग लेंगे। इस दौरान भविष्य में किसी नाटो देश पर होने वाले रूसी हमले को विफल करने का अभ्यास किया जाएगा। इस दौरान नाटो देश अपनी तैयारी का आकलन करेंगे। इस अभ्यास को स्टीडफास्ट डिफेंडर नाम दिया गया है। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद नाटो के कई छोटे देश सहमे हुए हैं जिनमें से कुछ तो पूर्व सोवियत संघ का हिस्सा रह चुके हैं। उन्हें रूस के हमले का डर सता रहा है।
नाटो की कोशिश है कि खुद को एक युद्धक गठजोड़ के रूप में तैयार करे। इस अभ्यास के दौरान 500 से 700 हवाई युद्धक मिशन आयोजित किए जाएंगे। इसमें 50 से ज्यादा युद्धपोत और 41 हजार से ज्यादा सैनिक हिस्सा लेंगे। नाटो अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास को रूसी गठबंधन के हमले का जवाब देने के लिए डिजाइन किया गया है। नाटो अधिकारियों ने बताया कि इस अभ्यास के दौरान दुनिया का रियल भौगोलिक डेटा इस्तेमाल किया जाएगा ताकि सैनिकों के लिए ज्यादा वास्तविक माहौल बनाया जा सके।