लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर रविवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि साल 2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जहां भी चुनाव होंगे, बसपा सभी चुनाव लड़ेगी और किसी भी चुनाव में गठबंधन नहीं करेगी। इसके अलावा पार्टी लोकसभा चुनाव भी अकेली लड़ेगी।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल ने षडयंत्र के तहत हमारे साथ गठबंधन करने का भ्रम जानबूझकर अभी से ही फैलाना शुरू कर दिया है, जबकि बीएसपी ने एक-दो बार यूपी आदि राज्य स्तर पर अभी तक जो भी चुनावी गठबंधन किया है तो उससे केवल पंजाब को छोड़कर हमारी पार्टी की तरह उनका वोट हमें ट्रांसफरेबल नहीं होने के कारण फिर भी बसपा को ज्यादा हानि हुई है। इसलिए इस मामले में अब तक के ज्यादातर रहे खराब अनुभवों को ध्यान में रखकर जब हमारी पार्टी ने आगे विधानसभा एवं लोकसभा का आम चुनाव भी अकेले ही लड़ने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि वैसे हमारी पार्टी समाज में विशेषकर गरीब,कमजोर, असहय एवं उपेक्षित वर्गों के हित एवं कल्याण के लिए हमेशा ही अति गंभीर संवेदनशील संर्घषरत रहती है। इसी वजह से यूपी में चार बार बसपा की सरकार रही और लोगों के हित के लिए अनेक नई—नई जनहित योजनाएं प्रारंभ की है लेकिन यह सब यहां जातिवादी संकीर्ण सांप्रदायिक एवं पूंजीवादी, मानसिकता रखने वाली विरोधियों पार्टी को अच्छा नहीं लगा। जिसकी वजह से ही तब फिर इन्होंने बीएसपी के विरूद्ध अंदर-अंदर एकजुट होकर साम, दाम दंड भेद आदि हथकंडे इस्तेमाल करके बसपा को आगे बढ़ने से व सत्ता में आने से भी रोका है, यह भी सर्वविदित है जबकि ऐसी मानसिकता रखने व नीतियों पर चलने वाली खासकर कांग्रेस, भाजपा व इनकी समर्थक पार्टियों की वजह से ही अपने देश में यहां शुरू से ही गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व भ्रष्टाचार आदि भी लगातार बढ़ रहा है। किसान , मजदूर, छोटा व्यापारी व अन्य मेहनतकश लोग भी यहां काफी दुखी है और इन सब मामलों में भाजपा के शासन काल में तो स्थिति अब और भी ज्यादा खबरा व दयनीय बनी हुई है। जिन पर पर्दा डालने व लोगों को ध्यान बांटने के लिए ही अब पार्टी आए दिन नई-नई व हवा-हवाई घोषाणाएं करने एवं निवेश लाने के नाम पर भी किस्म-किस्म की नाटकबाजी करने का ही सहारा ले रही है। जिनसे जमीनी हकीकत में यहां के गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को कुछ भी खास लाभ मिलने वाला नहीं है।
इसके साथ-साथ, पिछले कुछ वर्षों से देश में ईवीएम के जरिए चुनाव कराने को लेकर भी यहां की जनता में किस्म-किस्म की आंशकाएं व्याप्त है। जिन्हें दूर व खत्म करने के लिए बेहतर तो यही होगा कि अब यहां से आगे सभी छोटे-बड़े चुनाव, पूर्व की तरह सीधे बैलेट पेपर से ही कराए जाए। बीएसपी की मुख्य चुनाव आयुक्त से तथा केंद्र की सरकार से भी यह पूरजोर मांग व सलाह भी है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस की केंद्र में लंबी सरकार होने के बावजूद मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू नहीं होने दी। अब भाजपा भी आरक्षण के हक को मार रही है। इससे यूपी निकाय चुनाव भी प्रभावित हो चुके हैं। सपा ने भी अति पिछड़ों को अधिकार न देकर छला है।
बसपा प्रमुख मायावती ने अपना 67वां जन्मदिन मना रही थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी के प्रदेश कार्यालय मेंमायावती बहुजन समाज पार्टी की ब्लू बुक “मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा” भाग-18 और इसके अंग्रेजी संस्करण ए ट्रैवलॉग ऑफ माई स्ट्रगल: रिडेन लाइफ एंड बीएसपी मूवमेंट” का विमोचन किया गया। बसपा की तरफ से एक गाना रिलीज हुआ है। यह गीत बसपा की दिल्ली यूनिट की तरफ से तैयार हुआ है। जिसमें आवाज गायक कैलाश खेर की है। सबसे खास बात ये है कि गाने के बोल में बसपा प्रमुख मायावती को ‘देवी बुद्ध’ का अवतार कहा गया है।