मारुति सुजूकी (Maruti Suzuki) ने अपने चौथी तिमाही के नतीजे आज जारी कर दिए. शुक्रवार को खत्म हुई तिमाही में मारुति का प्रॉफिट (Profit) 57.7 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,838.90 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया. एक साल पहले की इसी तिमाही में कंपनी को 1,166 करोड़ रुपये का फायदा हुआ था, ईटी के मुताबिक मुनाफे के ये आंकड़े अनुमान से बेहतर रहें हैं, ईटी के एक सर्वे में 1,494 करोड़ रुपये का फायदा होने का अनु्मान जताया गया था. नतीजों के अनुसार बीते वित्त वर्ष के दौरान कारों की कीमतों में बढ़त (Car Price Hike) और प्रमोशन पर खर्च घटाने से मुनाफे को बढ़ाने में मदद मिली है. कंपनी ने जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 के बीच 5 बार दाम बढ़ाए हैं.
बिक्री में 11 प्रतिशत की बढ़त
तिमाही के दौरान सेल्स पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत बढ़कर 25,514 करोड़ रुपये रही है. हालांकि सेल्स वॉल्यूम 492,235 यूनिट से घटकर 488,830 यूनिट पर आ गया है. ऑपरेटिन एबिट में पिछले साल के मुकाबले 160 बेस अंक की बढ़त रही है और वो 5.4 प्रतिशत से सुधर कर 7 प्रतिशत पर पहुंच गया है. कंपनी के मुताबिक लागत घटाने के कदमों, प्रमोशन पर खर्च घटाने और कीमतों को बढ़ाने से मार्जिन सुधारने में मदद मिली है. इसके साथ ही कंपनी ने अपने निवेशकों के लिये 60 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का भी ऐलान किया है. पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने 45 रुपये का डिविडेंड दिया था. नतीजों के साथ मारुति ने एक बयान मे कहा कि धातुओं की कीमतों में पिछले साल तेज उछाल देखने को मिला है. जिसकी वजह से कंपनी को पिछले वित्त वर्ष में गाड़ियों की कीमतें बढ़ानी पड़ी थी, कंपनी फिलहाल ऐसे सभी कदम उठा रही है जिससे ग्राहकों पर मूल्यवृद्धि का बोझ न पड़े.
कैसे रहे बीते वित्त वर्ष के आंकड़े
कंपनी के अनुसार पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में उसका प्रॉफिट 11.6 प्रतिशत घटकर 3,879.5 करोड़ रुपये रह गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह 4,389.1 करोड़ रुपये था. वहीं बीते वित्त वर्ष में कंपनी की ऑपरेशंस से आय 88,329.8 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में 70,372 करोड़ रुपये थी. मारुति सुजुकी ने कहा, बीते वित्त वर्ष के दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी के कारण लगभग 2,70,000 वाहनों का उत्पादन प्रभावित हुआ. इसमें ज्यादातर घरेलू मॉडल थे. इसकी वजह से वित्त वर्ष के अंत में लगभग 268,000 वाहनों की ग्राहक बुकिंग लंबित थी.