मुंबई। मराठा समाज के संयोजक मनोज जारंगे पाटिल ने कहा कि मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए। यह उनकी मुख्य मांग है लेकिन उनके आंदोलन को अनायास मराठा आरक्षण से जोड़ा जा रहा है।
मनोज जारंगे ने सोमवार को जालना में पत्रकारों को बताया कि मराठवाड़ा सहित महाराष्ट्र में मराठा समाज का मूल व्यवसाय कृषि है। साथ ही 1960 से पहले मराठा समाज को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाता था लेकिन संयुक्त महाराष्ट्र का निर्माण होने के बाद यह जाति प्रमाण पत्र मिलना बंद हो गया।
मनोज जारंगे ने बताया कि उनकी मुख्य मांग कुनबी जाति का प्रमाणपत्र मिलने की है। जालना के कई तहसीलों में कुनबी जाति प्रमाणपत्र के सबूत भी मिले हैं। उन्होंने बताया कि जब हम हैदराबाद में थे तो मराठाओं को आरक्षण था लेकिन मराठवाड़ा जब संयुक्त महाराष्ट्र में शामिल हो गया, तब से यह बंद कर दिया गया है। मनोज जारंगे पाटिल ने कहा कि इसी विषय पर आज मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में बैठक बुलाई है। इस बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है, हम इसका इंतजार कर रहे हैं।