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Maize Price: रूस-यूक्रेन युद्ध ने बढ़ाया मक्के का भाव, कई मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा हुआ दाम

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कई साल से कम दाम मिलने से परेशान मक्का उत्पादक किसानों की किस्मत अब बदलने वाली है. देश की कई मंडियों में मक्के की कीमत इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक हो गई है. देश सबसे बड़े मक्का उत्पादक मध्य प्रदेश और कर्नाटक में भी किसानों को इसका दाम एमएसपी से ऊपर ही मिल रहा है. कर्नाटक की बेल्लारी मंडी में तो बिस्कुट बनाने वाली वैराइटी के मक्का का औसत दाम (Maize Price) 2761 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. जबकि इस समय एमएसपी 1870 रुपये है. बंगलूरू में 5 मई को संकर किस्म के मक्का का एवरेज प्राइस 2400 रुपये प्रति क्विंटल पर रहा. इसी तरह का अच्छा दाम महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों को भी मिल रहा है. इसकी एक अहम वजह रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) है.

इस साल सरसों, कपास, सोयाबीन और गेहूं का दाम एमएसपी से ऊपर चल रहा है. अब इस क्लब में अब मक्का भी शामिल हो गया है. जिसका दाम कई सूबों में न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा है. धान और गेहूं के बाद मक्का भारत में तीसरी सबसे महत्वपूर्ण अनाज फसल है. ऐसे में इसका दाम एमएसपी से ऊपर होना किसानों की इनकम वृद्धि के लिए अच्छा संकेत है.

मक्का हवन करने वाले किसान नेता ने बताई वजह

एक साल पहले जब मक्का 1200 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर बिक रहा था तब बिहार किसान मंच के अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह सरकार का ध्यान खींचने के लिएमक्का हवनकिया था. अब दाम एमएसपी से ऊपर है तो हमने उनसे बात की. सिंह का कहना है कि यूक्रेन और रूस युद्ध के कारण हमारा मक्का एक्सपोर्ट ज्यादा हो रहा है. मक्के पर आधारित तमाम उद्योग कोरोना की वजह से पिछले दो साल से प्रभावित थे. इस बार सारा काम चल रहा है. इसलिए किसानों (Farmers) को अच्छा दाम मिल रहा है. बिहार में इस समय व्यापारी 2200 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर इसे खरीद रहे हैं.

मक्का के दाम में क्यों है तेजी?

ओरिगो ई-मंडी के सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल के मुताबिक पॉल्ट्री फीड और स्टार्च इंडस्ट्री की ओर से मक्के की मजबूत मांग बनी हुई है. पिछले साल की तुलना में मांग में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की भी संभावना है. पिछले साल की समान अवधि की तुलना में गुलाब बाग मंडी (बिहार) में मक्के का भाव 48 फीसदी की मजबूती के साथ 2,193 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर कारोबार कर रहा है. मौजूदा समय में मक्के का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से 323 रुपये ऊपर है.

इंद्रजीत कहते हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई प्रभावित होने से भारत से निर्यात में इजाफा हुआ है और यही वजह है कि 25 मार्च 2022 को घरेलू बाजार में मक्के का भाव 2,450 रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया था. हालांकि हमारा मानना है कि मई में आवक बढ़ने पर कीमतों में कमजोरी का रुझान बन सकता है और भाव 1,900-1,950 रुपये के निचले स्तर तक आ सकता है और आने वाले महीने में जब आवक कमजोर होगी तो भाव फिर एक बार 2,350-2,400 रुपये प्रति क्लिंटल की ओर कदम बढ़ा सकता है.

किस मंडी में कितना है दाम

मध्य प्रदेश की मंदसौर मंडी में 5 मई को मक्का का औसम दाम 2180 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
यहां की खंडवा मंडी में 2115 रुपये प्रति क्विंटल के रेट पर किसानों ने मक्का बेचा.
तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले की विकाराबाद मंडी में औसत रेट 2103 रुपये प्रति क्विंटल रहा.
यूपी की फर्रुखाबाद मंडी में किसानों को मक्का का 2050 रुपये प्रति क्विंटल औसत दाम मिला.

औद्योगिक फसल है मक्का

मक्का को विश्व स्तर पर एक औद्योगिक फसल का दर्जा प्राप्त है. क्योंकि दुनिया में इसके उत्पादन का 80 फीसदी से अधिक हिस्सा स्टार्च, फीड और जैव ईंधन उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है. मक्का लगभग तीन हजार प्रोडक्ट के लिए कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होता है. केंद्र सरकार मक्के की खेती को धान की जगह फसल विविधीकरण के तौर पर प्रमोट कर रही है.

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