गोरखपुर। गोरक्ष पीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कलश स्थापना की। इसके साथ ही गुरु गोरक्षनाथ की तपोभूमि गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र के अवसर पर आयोजित होने वाली मां आदिशक्ति की परंपरागत पूजा की शुरुआत हो गयी। नवरात्र के पहले दिन रविवार को मंदिर परिसर स्थित अपने आवास के शक्तिपीठ में शाम पांच बजे कलश स्थापित किया। मां भगवती के पहले स्वरूप शैलपुत्री की आराधना की। इसके साथ ही गोरखनाथ मंदिर में विजयदशमी महोत्सव की शुरुआत भी हो गयी।
मंदिर परिसर में होने वाले आयोजन की जानकारी देते हुए प्रधान पुजारी कमलनाथ ने बताया कि शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा पर रविवार की शाम पांच बजे गोरखनाथ मंदिर में परंपरागत कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा में साधु-संत, पुजारी, योगी, वेदपाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे। नाथ पीठ के परंपरागत वाद्ययंत्रों की गूंज और परंपरागत अस्त्र-शस्त्र यात्रा की शोभा होंगे। शक्तिपीठ से निकलकर शोभायात्रा भीम सरोवर पहुंचेगी, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलश में जल भरा जाएगा। उसी कलश की स्थापना शक्तिपीठ में मुख्यमंत्री के हाथों होगी।
प्रधान पुजारी ने बताया कि नवरात्र के सभी नौ दिन शक्तिपीठ में सुबह और शाम चार से छह बजे तक श्रीमद देवी भागवत की कथा एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। देवी-देवताओं के आह्वान के साथ हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की आरती भी उतारी जाएगी।