मोतिहारी। किसान भाइयो के लिए हरे मटर की खेती अन्य फसलों की अपेक्षा एक बेहतर विकल्प है जो कम लागत में अधिक से अधिक मुनाफा दे सकता है। उक्त जानकारी परसौनी स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के मृदा विशेषज्ञ आशीष राय ने देते हुए बताया कि मटर का उपयोग कई रूपों में होने के कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। साथ ही इसके दाम भी बेहतर मिलते हैं। अगर बेहतर प्रबंधन के साथ इसकी खेती की जाय तो किसान इससे भरपूर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।बारिश के बाद और ठंड शुरू होने के पूर्व यानी अक्टूबर से नवबंर के पहले सप्ताह तक का समय इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्यों कि इस समय खेत में पर्याप्त नमी रहती है और मटर की फसल अच्छी होती है।
कब और कैसे करें बुवाई
मटर बुवाई किसान भाई पूरे अक्टूबर और नवंबर के प्रथम सप्ताह तक करें। बुवाई के पूर्व इस बात का ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त नमी हो साथ ही बारिश की संभावना न हो, क्यों कि बुवाई के बाद अगर बारिश होती है तो मिट्टी सख्त हो जाती है और पौधे निकलने में दिक्कत होती है। खेत में पानी जमा न होने पाये अन्यथा बीज की सड़ने की संभावना होती है। बीज अंकुरण के लिए औसत 22 डिग्री सेल्सिलय तापमान की जरूरत होती है। साथ ही पौधे के अच्छे विकास के लिए 10 से 18 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त माना गया है। फूल और फल लगने के समय हल्की सिंचाई कर सकते हैं। हालांकि मटर जैसी फसल को सिंचाई की विशेष जरूरत नहीं होती है, क्यों कि ठंड के मौसम में खेत में पर्याप्त नमी रहती है। अगर आप सिंचाई करते हैं तो इसका ध्यान रखें कि खेत में पानी न ठहरे।
मटर की उन्नत किस्में
ज्यादा पैदावार पाने के लिए यह जरूरी है कि किसान भाई मटर की उन्नत किस्मों का चुनाव कर बीज को शोधित करें। साथ ही किस्मों का चुनाव के समय मिट्टी, जलवायु और क्षेत्र का ध्यान रखना भी जरूरी है। मटर की उन्नत किस्मों में आर्केल, काशी शक्ति, पंत मटर 155, अर्ली बैजर, आजाद मटर 1, काशी नंदिनी, पूसा प्रगति और जवाहर मटर 1 हैं। इसके अलावा जवाहर मटर- 3 और 4 शामिल जिसकी खेती कर सकते हैं।
कितना होगा मुनाफा
मटर की खेती अगर उचित कार्य प्रबंधन के साथ की जाए तो एक हेक्टेयर में 20 से 30 क्विंटल तक उपज प्राप्त हो सकती है, जबकि एक हेक्टेयर क्षेत्र में मटर की खेती करने पर कुल लागत 20 हजार रुपए के आसपास आती है और मुनाफा प्रति हेक्टेयर एक लाख रुपये तक हो सकता है।